दबाव की सियासत? शशिकला को अन्नाद्रमुक की कमान सौंपने की मांग
दबाव की सियासत? शशिकला को अन्नाद्रमुक की कमान सौंपने की मांग
बैठक के प्रस्तावों पर पार्टी की प्रतिक्रिया- इन लोगों का हमसे कोई संबंध नहीं
तूतीकोरिन/दक्षिण भारत। अन्नाद्रमुक से निष्कासित पूर्व महासचिव वीके शशिकला की ‘घर वापसी’ को लेकर चर्चाएं फिर शुरू हो गई हैं। इसी सिलसिले में रविवार को 80 लोगों ने तूतीकोरिन के विलाथिकुलम में शशिकला के पक्ष में 11 प्रस्ताव पारित किए।
इन लोगों ने दावा किया कि ये अन्नाद्रमुक कार्यकर्ता और पदाधिकारी हैं। बैठक की अध्यक्षता एमके वेलावन ने की, जो अन्नाद्रमुक के यूनियन सचिव एवं जिला अम्मा पेरवई के संयुक्त सचिव रहे हैं। बैठक में सर्वसम्मति से कहा गया कि शशिकला को आगे आकर पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए और इसे मजबूत बनाना चाहिए।उक्त बैठक के बाद चर्चा है कि अगर इनका अन्नाद्रमुक से संबंध है तो पार्टी उनके खिलाफ क्या कदम उठाएगी। चूंकि अन्नाद्रमुक ने जिला स्तर पर प्रस्ताव पारित कर रुख स्पष्ट कर दिया है कि उसके नेताओं और पदाधिकारियों को शशिकला से दूरी बनानी होगी, अन्यथा संगठन से निष्कासित कर दिया जाएगा।
मामला भी दर्ज
विलाथिकुलम पुलिस ने बैठक में भाग लेने वाले 80 लोगों के खिलाफ धारा 143, 269 और 270 एवं महामारी रोग अधिनियम की धारा 2 के तहत लॉकडाउन प्रतिबंधों के उल्लंघन के लिए मामला दर्ज कर लिया है।
अन्नाद्रमुक ने क्या कहा?
वहीं, अन्नाद्रमुक की ओर से कहा गया है कि यह बैठक और उसमें पारित किया गया प्रस्ताव अवैध है। कोविलपट्टी विधायक और अन्नाद्रमुक तूतीकोरिन उत्तर जिला सचिव कदंबूर सी राजू ने सोमवार को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बैठक में कोई प्रतिभागी अन्नाद्रमुक से जुड़ा नहीं है। वे या तो पार्टी से चले गए या उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते हटा दिया गया है। वेलावन को भी पार्टी से हटा दिया जाएगा। उन्होंने शशिकला पर उन विधानसभा क्षेत्रों में स्थित मंदिरों में जाकर अन्नाद्रमुक को कमजोर करने और द्रमुक को मजबूत करने का भी आरोप लगाया जहां एएमएमके ने उम्मीदवार उतारे थे।
शशिकला से आग्रह
बैठक में शामिल हुए लोगों की ओर से यह दावा भी किया गया कि शशिकला ने केवल पार्टी को एकजुट करने की कोशिश की और फोन पर कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत के पीछे पार्टी को मजबूत करने की मंशा थी। उन्होंने ‘तानाशाही’ तरीके से लोगों को पार्टी से हटाए जाने की कड़ी निंदा की। यही नहीं, उन्होंने शशिकला से यह आग्रह भी किया कि वे कोविड-19 लॉकडाउन के बाद जिलों का दौरा करें और पार्टी को मजबूत करने के लिए पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत करें।
.. इसलिए हारी अन्नाद्रमुक!
बैठक में शामिल लोगों की ओर से कहा गया कि कार्यकर्ताओं के हितों के खिलाफ ईके पलानीस्वामी और ओ पनीरसेल्वम के इरादों ने इसे नुकसान पहुंचाया। नतीजे के तौर पर पार्टी की सरकार चली गई और उसे विपक्ष में बैठना पड़ा। उन्होंने उन लोगों की भी निंदा की जिन्होंने अन्नाद्रमुक को कमजोर बनाया और द्रमुक को इतना मजबूत बनाया कि वह विधानसभा चुनाव जीत सकी और सरकार बना सकी।
ये प्रस्ताव पारित
अन्य प्रस्तावों में पूर्व मंत्रियों डी जयकुमार, नाथम विश्वनाथन, सीवी षणमुगम और केपी मुनुसामी की शशिकला के खिलाफ टिप्पणी की निंदा करना और उन जिला पदाधिकारियों की निंदा करना शामिल है, जो कथित तौर पर पार्टी के जिला, यूनियन और पंचायत स्तर के निर्वाचित प्रतिनिधियों को द्रमुक में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
बता दें कि रविवार की बैठक में उन प्रस्तावों की निंदा भी की गई जो अन्नाद्रमुक मुख्यालय और जिला स्तर पर बैठकों में शशिकला के खिलाफ पारित किए गए थे। कहा गया कि ये सभी प्रस्ताव जिला, संगठन और जमीनी स्तर के पदाधिकारियों का प्रतिनिधित्व नहीं करते और उनके कार्यकर्ताओं के विचार जाने बिना ही इन्हें पारित कर दिया गया।