कुमारस्वामी सरकार का जाना तय
कुमारस्वामी सरकार का जाना तय
श्रीकांत पाराशर/दक्षिण भारत।
कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार का जाना अब लगभग तय हो गया है। आज बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि गठबंधन के बागी विधायकों के इस्तीफे पर निर्णय लेने के लिए विधानसभाध्यक्ष पर कोई समय सीमा की बाध्यता नहीं है परंतु उन्हें विश्वासमत के पहले बागी विधायकों के त्यागपत्र पर फैसला लेना होगा। उसके बाद ही वे फ्लोर टेस्ट करवा सकते हैं।न्यायालय ने यह भी कहा है कि विश्वासमत के समय बागी विधायकों का सदन में उपस्थित रहना जरूरी नहीं है। मतलब उनको उपस्थिति के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। ऐसे हालात में कुमारस्वामी के सामने सरकार बचाने का कोई विकल्प दिखाई नहीं दे रहा है।
बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करें या इस्तीफा स्वीकार करें, हर स्थिति में कुमारस्वामी सरकार के पास संख्याबल नहीं है। ऐसे में सरकार को बचाना आसान नहीं है। अगर कल विश्वासमत सदन में आता है तो सरकार गिर जाएगी।
मुझे तो लगता है कि विश्वासमत के पहले ही कुमारस्वामी त्यागपत्र दे देंगे। यह आज या कल विश्वासमत के पहले संभव है। दरअसल गठबंधन यह सोचता था कि उन्हें अगर और समय मिल जाता है तो वे बागियों से सम्पर्क कर उन्हें अपने पाले में ले आएंगे। परंतु ऐसा नहीं हुआ।
न्यायालय के अनुसार अब बागियों पर सदन में आने की बाध्यता नहीं है। ऐसे में उन पर व्हिप भी लागू नहीं हो सकती। इस स्थिति में गठबंधन के पास संख्याबल नहीं है। यदि फ्लोर टेस्ट होता है तो सरकार गिर जाएगी। अगर त्यागपत्र स्वीकार होते हैं तो विधानसभा में कुल 209 सदस्य रह जाते हैं।
गठबंधन के पास महज 100 विधायक ही बचते हैं जबकि इस स्थिति में बहुमत साबित करने के लिए 105 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी। उधर, भाजपा के पास दो निर्दलीय विधायकों के साथ संख्या 107 हो जाती है।