कर्नाटक संकट: उच्चतम न्यायालय ने 15 बागी विधायकों की अर्जी पर सुनवाई शुरू की
कर्नाटक संकट: उच्चतम न्यायालय ने 15 बागी विधायकों की अर्जी पर सुनवाई शुरू की
नई दिल्ली/भाषा। उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक में राजनीतिक संकट की जड़ बने 15 बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई मंगलवार को शुरू की। इस दौरान शीर्ष अदालत कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार के 15 विधायकों के इस्तीफे और उन्हें अयोग्य घोषित करने से जुड़े गूढ़ संवैधानिक विषय पर विचार करेगी।
न्यायालय ने कर्नाटक में कांग्रेस के पांच और बागी विधायकों की याचिका पर पहले से लंबित 10 विधायकों की याचिका के साथ ही सुनवाई करने पर सोमवार को सहमति देते हुए कहा था कि सभी मामलों में मंगलवार को सुनवाई की जाएगी। ये बागी विधायक चाहते हैं कि कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष को उनके इस्तीफे स्वीकार करने का निर्देश दिया जाए।प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने इन बागी विधायकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी के इस आग्रह पर विचार किया कि इन्हें भी पहले से लंबित उस याचिका में पक्षकार बना लिया जाए जिस पर मंगलवार को सुनवाई होनी है।
कर्नाटक से कांग्रेस के पांच बागी विधायकों ने 13 जुलाई को शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि विधानसभा अध्यक्ष उनके त्यागपत्र स्वीकार नहीं कर रहे हैं। इन विधायकों में आनंद सिंह, के सुधाकर, एन नागराज, मुनिरत्न और रोशन बेग शामिल हैं।
शीर्ष अदालत ने 12 जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार को कांग्रेस और जद (एस) के बागी विधायकों के इस्तीफे और उन्हें अयोग्य घोषित करने के लिए दायर याचिका पर 16 जुलाई तक कोई भी निर्णय लेने से रोक दिया था।
इन दस बागी विधायकों में प्रताप गौड़ा पाटिल, रमेश जारकिहोली, बी बसवाराज, बीसी पाटिल, एस टी सोमशेखर, ए शिवराम हब्बर, महेश कुमाथल्ली, के गोपालैया, एएच विश्वनाथ और नारायण गौड़ा शामिल हैं।
इन विधायकों के इस्तीफे की वजह से कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के सामने विधानसभा में बहुमत गंवाने का संकट पैदा हो गया था।