येडियुरप्पा ने किया स्पष्ट- नहीं मनाई जाएगी टीपू जयंती, पाठ्यक्रम से भी हटेगी सामग्री

येडियुरप्पा ने किया स्पष्ट- नहीं मनाई जाएगी टीपू जयंती, पाठ्यक्रम से भी हटेगी सामग्री

मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्पा

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक की राजनीति में टीपू जयंती पर एक बार फिर सियासी पारा गरमा सकता है। मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्पा ने कहा है कि टीपू जयंती के बारे में सबकुछ हटाने वाले हैं। यही नहीं, पाठ्यक्रम से भी टीपू सुल्तान से जुड़ी सामग्री हटाई जाएगी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पाठ्यक्रम में जो कुछ भी टीपू से जुड़ा है, वह सब हटाने पर विचार किया जा रहा है। बता दें कि पाठ्यक्रम में टीपू सुल्तान और उसकी जयंती मनाए जाने का मुद्दा पहले भी विवादों में रहा है। खासतौर से भाजपा की ओर से इसका विरोध जताया जाता रहा है।

भाजपा विधायक मदकेरी अपाचू रंजन भी मांग कर चुके हैं कि पाठ्यक्रम से वह तमाम सामग्री बाहर कर दी जाए जिनका ताल्लुक टीपू सुल्तान से है। इसके लिए उन्होंने बेसिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार को पत्र भी लिखा।

इसके बाद मंत्री सुरेश कुमार ने इस मामले पर पाठ्य पुस्तक समिति और इतिहासकारों की बैठक बुलाई। उन्होंने इस संबंध में रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

येडियुरप्पा सरकार ने इस साल राज्य की सत्ता में आने के बाद टीपू जयंती को लेकर सख्ती दिखानी शुरू कर दी थी। राज्य सरकार ने जुलाई में कन्नड़ और संस्कृति विभाग को आदेश दिया था कि टीपू जयंती न मनाई जाए। इसके बाद कांग्रेस-जद (एस) की ओर से सरकार पर तीखा हमला किया गया। कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल सांप्रदायिक है।

कर्नाटक में साल 2015 में तत्कालीन सिद्दरामैया सरकार ने टीपू जयंती पर 10 नवंबर को वार्षिक समारोह की परंपरा शुरू की थी। बाद में कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार ने इस परंपरा को जारी रखा। इस बीच भाजपा की ओर से ऐसे आयोजनों का विरोध किया जाता रहा और उसने सत्ता मेंं आने के बाद इस परंपरा को बंद करने का फैसला किया। कांग्रेस-जद (एस) इस कदम का विरोध जता चुकी हैं।

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