सरकार मोटे अनाज के उत्पादन पर दे रही जोर: करंदलाजे
सरकार मोटे अनाज के उत्पादन पर दे रही जोर: करंदलाजे
बेंगलूरु/भाषा। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री शोभा करंदलाजे ने शुक्रवार को कहा कि कर्नाटक कृषि उत्पादों के निर्यात में पिछड़ रहा है और इसे प्राथमिकता देने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने राज्य से कृषि निर्यात संबंधी एक अलग प्रकोष्ठ बनाने को भी कहा।
करंदलाजे ने कहा, ‘हमें और फसलें उगानी होंगी तथा निर्यात को प्राथमिकता देनी होगी। मैंने कर्नाटक के उद्योग मंत्री मुरुगेश निरानी से बात की है। कर्नाटक कृषि उपज के निर्यात के मामले में पिछड़ रहा है, अन्य राज्य हमसे आगे हैं। यहां निर्यात की जाने वाली वस्तुओं में केवल कॉफी, मिर्च और प्याज हैं।’यहां संवाददाताओं से बातचीत में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य से बहुत कम निर्यात हो रहा है, इसे प्राथमिकता देने की जरूरत है। कोलार क्षेत्र से जो फल और सब्जियां निर्यात किए जाते हैं, हाल के दिनों में उनकी गुणवत्ता श्रेष्ठ नहीं रही है।’
करंदलाजे ने कहा कि उन्होंने राज्य के उद्योग विभाग में कृषि उपज निर्यात के लिए अलग प्रकोष्ठ बनाने का अनुरोध किया है तथा इस प्रकोष्ठ को कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण से जोड़ा जाएगा।
मंत्री ने राज्य में विभिन्न हिस्सों में जन आशीर्वाद यात्रा में हिस्सा लिया। वह केंद्रीय मंत्री बनाए जाने के बाद पहली बार यहां आईं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नेंद्र मोदी किसानों की आय दोगुनी करना चाहते हैं और इसके लिए उन्होंने लक्ष्य साधा है लेकिन दो वर्ष में कोरोना वायरस के कारण यह प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए केंद्र कई पहल शुरू कर रहा है और उनमें निवेश कर रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत खाद्य तेल के मामले में आत्मनिर्भर नहीं है और प्रधानमंत्री ने कुछ वर्षों में खाद्य तेल उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर होने का लक्ष्य निर्धारित किया है। करंदलाजे ने कहा कि भारत में भूमि का बड़ा हिस्सा शुष्क है और कृषि वर्षा जल पर निर्भर है। ऐसी स्थिति में मोटा अनाज उगाया जा सकता है और सरकार इस पर जोर दे रही है। उन्होंने कहा, ‘अगले दो वर्षों में हम मोटा अनाज उगाने को प्राथमिकता देंगे। यह सेहत के लिए अच्छा है और हमें इसका निर्यात भी करना चाहिए।’