मलेशिया से रेत आयात में ५८०० करोड़ की अनियमितता : शेट्टर
मलेशिया से रेत आयात में ५८०० करोड़ की अनियमितता : शेट्टर
हुब्बल्ली। विधानसभा में विपक्ष के नेता जगदीश शेट्टर ने मंगलवार को राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार ने मलेशिया से रेत आयात करने के नाम पर ब़डी वित्तीय अनियमितता की है जो ५८०० करो़ड रुपए की है। संवाददाताओं से बात करते हुए शेट्टर ने कहा कि मैसूरु सेल्स इंटरनेशनल लि. (एमएसआईएल) ३६ लाख टन रेत प्रति वर्ष खरीदेगी और निर्यातकों के साथ हुए करार के अनुसार अगले तीन वर्षों में १८० लाख टन रेत का आयात होगा। इसकी निविदा मई-२०१७ में जारी हुई थी। उन्होंने कहा कि यह पूरी खरीद पोसिडन एफजेडई के नाम पर होगी लेकिन यह कंपनी अब तक नामित नहीं है। निविदा के दौरान संबंधित किसी भी दस्तावेज में इस कंपनी का उल्लेख नहीं है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि एमएसआईएल के प्रबंध निदेशक प्रकाश और महाप्रबंधक महावीर धांधली का यह पूरा रैकेट चला रहे हैं। उन्होंने कहा, संदिग्ध कंपनी १८ जून, २०१७ से पंजीकृत है। टेंडर एक फर्जी कंपनी को दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि एमडी प्रकाश और मुख्यमंत्री के कार्यालय में आईएएस अधिकारी रेत की इस अवैध खरीद में सीधे शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्दरामैया को पूरे सौदे की जांच सीबीआई को सौंपनी चाहिए। अगर वह ऐसा करने में विफल रहते हैं तो हम मान लेंगे कि रेत खरीद के रैकेट में मुख्यमंत्री का भी हाथ है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने जो निविदा हासिल करने के लिए जो पता दिया है वह फर्जी है और सिंगापुर बैंक की बैंक गारंटी दी गई है जबकि सच्चाई यह है कि सिंगापुर में यह बैंक है ही नहीं। त्र्यद्बयद्मय्ठ्ठरुण ·र्ैंद्ब ·र्ैंर्द्बत्र झ्द्य ·र्ैंद्यत्रय् ब्स् द्यष्ठत्र ृय्द्भय्त्रशेट्टर ने दावा किया कि प़डोसी राज्य तमिलनाडु भी मलेशिया से रेत आयात कर रहा है लेकिन कर्नाटक की तुलना में वह कम कीमत पर रेत आयात कर रहा है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार मलेशिया को २३०० रुपए प्रति टन रेत के लिए भुगतान कर रही है जबकि ११०० रुपए प्रति टन रेत को बोरी में भरने का खर्च है। इस प्रकार प्रति टन ३४०० रुपए का खर्च है जबकि तमिलनाडु में इससे कम कीमत पर रेत आयात हो रहा है।