मंत्री ने डिप्टी कमिश्नर के तबादले के लिए मुख्य चुनाव अधिकारी को लिखा पत्र
मंत्री ने डिप्टी कमिश्नर के तबादले के लिए मुख्य चुनाव अधिकारी को लिखा पत्र
हासन/दक्षिण भारत वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और जिला प्रभारी मंत्री ए. मंजु ने मुख्य चुनाव अधिकारी संजीव कुमार को डिप्टी कमिश्नर और जिले की चुनाव अधिकारी रोहिणी सिंदूरी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। अपने छह पेजों का यह शिकायती पत्र मंगलवार को उन्होंने प्रेस को जारी किया। मंजु ने आरोप लगाया है कि उनकी (मंजु की) ओर से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन न किए जाने के बावजूद डिप्टी कमिश्नर ने उनके खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज करवाया है। अपने खिलाफ व्यक्तिगत कारणों से निशाना साधे जाने का दावा करते हुए मंजु ने रोहिणी सिंदूरी के तबादले की मांग की है। जिला प्रशासन ने सोमवार को जारी एक विज्ञप्ति में बताया था कि मंजु के खिलाफ राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद अवैध कब्जे (बगैर हुकुम) वाली जमीन को वैध करने के लिए एक हजार से अधिक आवेदनों का निस्तारण करने के आरोप की जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है। इस विज्ञप्ति में रोहिणी सिंदूरी से मंजु के खिलाफ संबंधित कानून की धाराओं के तहत उचित कार्रवाई करने की घोषणा की थी और उनके खिलाफ स्पष्ट रूप से आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप भी लगाया गया था। गौरतलब है कि डिप्टी कमिश्नर रोहिणी सिंदूरी जिला चुनाव अधिकारी भी हैं्। उन्होंने मुख्य चुनाव अधिकारी को मंजु के खिलाफ भेजी गई अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि तालुक समिति के अध्यक्ष के रूप में मंजु ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम घोषित होने के बाद ३० मार्च को एक हजार आवेदनों का निस्तारण करते हुए हासन जिला कांग्रेस इकाई के कार्यकर्ताओं की अवैध कब्जे वाली जमीन को वैध बना दिया था। उन्होंने इसे एक प्रकार से मतदाताओं को रिश्वत देने का मामला करार दिया है और इसे भारतीय दंड संहिता की धारा १७१ (बी) के तहत दंडनीय अपराध माना है। उन्होंने मुख्य चुनाव अधिकारी संजीव कुमार को भेजी गई अपनी रिपोर्ट में लिखा है, ’’आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में मंजु को प्रशासन ने नियमों के तहत एक नोटिस जारी किया था। अगर नोटिस का उत्तर देने के लिए निर्धारित अवधि के अंदर वह अपना पक्ष रखते हैं तो इस पर विचार करने के बाद उनके खिलाफ कानून के अनुसार अगली कार्रवाई तय की जाएगी।’’ जानकारी के मुताबिक, जिला प्रशासन ने ७ अप्रैल को मंजु को नोटिस जारी कर दो दिनों के अंदर उनसे अपना उत्तर देने को कहा था।