बारिश में मंदी आने से कावेरी के डेल्टा क्षेत्रों को मिली राहत

बारिश में मंदी आने से कावेरी के डेल्टा क्षेत्रों को मिली राहत

बेंगलूरु/दक्षिण भारतकोडगु, चिकमगलूरु और हासन जिलों में मॉनसूनी बारिश की रफ्तार पिछले २४ घंटों के दौरान थमने से दक्षिण भारत की जीवन रेखा कहलाने वाली दो प्रमुख नदियों कावेरी और कृष्णा के जल संग्रह क्षेत्रों में बा़ढ की स्थिति में कुछ सुधार हुआ है। पिछले एक महीने से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून से हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से इन दोनों नदियों का पानी खतरे की रेखा लांघ का तटवर्ती इलाकों के कस्बों और गांवों में रहने वालों का जीना दूभर कर रहा था। वहीं, बारिश में मंदी आने से इनका उफान अब काफी नियंत्रित हुआ है। रविवार रात से कावेरी और कृष्णा नदी के डेल्टा क्षेत्रों में रहनेवाले ग्रामीणों ने इससे राहत की सांस ली है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, पिछले २४ घंटों के दौरान तीन जिलों में मॉनसूनी बारिश के वेग में रुकावट आई है। इससे पहले कावेरी नदी पर बने कृष्णराजसागर बांध और इसकी सहायक नदी हेमावती पर बने गोरूर व कबिनी बांध का पानी अपने अधिकतम जलधारण बिंदु तक पहुंच चुका था। वहीं, सोमवार सुबह ६ बजे तमिलनाडु के लिए कावेरी पर बने बांधों से ८० हजार क्यूसेक पानी छो़डा गया। यह पानी तमिलनाडु के मेट्टूर स्थित स्टैनली बांध में पहुंच चुका है और इस बांध का जलस्तर भी अधिकतम बिंदु तक पहुंचने की जानकारी मिली है। यहां तक कि तमिलनाडु सिंचाई विभाग के अधिकारियों को स्टैनली बांध का ४० हजार क्यूसेक पानी नहरों और नदियों के रास्ते से बाहर निकालना प़डा है। इस बांध से चार वर्ष में पहली बार इतनी भारी मात्रा में पानी छो़डा गया है। फ्द्नर्‍ द्धय्ैंथ् झ्य्द्मर्‍ फ्ष्ठ ध्द्धय्ध्द्धउधर, कृष्णा नदी के उपरी इलाकों में बने महाराष्ट्र के बांधों से बेहद भारी मात्रा में पानी छो़डा गया है। इससे बेलगावी, बागलकोट और विजयपुरा जिलों में बा़ढ के हालात पैदा हो गए हैं। वहीं, आलमट्टी और नारायणपुरा बांधों में पानी का स्तर इनके अधिकतम भंडारण बिंदु तक पहुंच चुका है। मैसूरु से मिली रिपोर्ट के मुताबिक, केआरएस बांध के अधिकारी बांध में पानी का स्तर १२३.०५ फीट पर बनाए रख रहे हैं। इस बांध की अधिकतम जलधारण क्षमता १२४.८० फीट है। सोमवार को बांध में ४८ हजार ६३ क्यूसेक पानी पहुंचा, जबकि इसमें से ५१ हजार ३८ क्यूसेक पानी बाहर निकाल दिया गया। कबिनी बांध पिछले महीने ही लबालब भर चुका था। यहां आज २८ हजार ८०० क्यूसेक पानी की आवक दर्ज हुई, जबकि बांध से ३० हजार क्यूसेक पानी बाहर निकाला गया। केरल के वायनाड जिले में मॉनसून की शुरुआत से ही भारी बारिश की वजह से इस बांध में काफी ब़डी मात्रा में पानी की आवक दर्ज हो रही है। इस बांध में पानी का स्तर २२८३.०४ फीट पर बनाए रखा जा रहा है, जबकि इसकी अधिकतम जल धारण क्षमता २२८४ फीट है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, हासन जिले के हेमावती बांध में पानी का स्तर सोमवार सुबह २०१०.२५ फीट था, जबकि इसकी अधिकतम जलधारण क्षमता २९२२ फीट है। इस बांध में आज १८ हजार ३१६ क्यूसेक पानी पहुंचा, जिसमें से २६ हजार ५२५ क्यूसेक पानी बाहर छो़डा गया। इसी प्रकार, बेलगावी में कृष्णा नदी पर बने आलमट्टी बांध में भी पानी का स्तर अधिकतर जलधारण क्षमता के बिंदु तक पहुंच चुका है। आज इसमें पानी का स्तर ५१८.७५ फीट मीटर नापा गया, जबकि बांध में अधिकतम ५१९ फीट की उंचाई तक ही पानी रोका जा सकता है। इस बांध में महाराष्ट्र के बांधों से छो़डा गया १ लाख ६५ हजार २९५ क्यूसेक पानी पहुंचा और इसमें से १ लाख ६३ हजार ४७८ क्यूसेक पानी छो़डा गया। ्यद्धश्नज्, द्धस्द्यय्ज्ह्र ·र्ष्ठैं र्ंर्ैंझ्द्य फ्ष्ठ द्धब् द्यब्य् झ्य्द्मर्‍अधिकारियों ने बताया कि बेलगावी के चिक्को़डी उप मंडल में बने छह ब्रिज और बैराजों के ऊपर से पानी बह रहा है। ग्रामीणों को उम्मीद है कि यह पानी मंगलवार तक उतार पर आ जाएगा और इन ब्रिजों पर आम दिनों की तरह दोबारा वाहनों का यातायात शुरू हो सकेगा। बहरहाल, सोमवार को अधिकारियों ने सुरक्षा के मद्देनजर ग्रामीणों को इन ब्रिजों को पार करने की अनुमति नहीं दी। इससे पूर्व रविवार तक जिले के १२ ब्रिज और बैराज पानी में डूबे हुए थे। उधर, सूत्रों के मुताबिक, बेलगावी जिले की प्रमुख नदियों में शामिल मलप्रभा पर बने बांध में पानी का स्तर २०५९ फीट तक पहुंच चुका है। इस बांध का अधिकतम जलधारण बिंदु २०७९ फीट है। इस बांध में आज ४६१८ क्यूसेक पानी की आवक हुई जबकि इससे १३८ क्यूसेक पानी बाहर निकाला गया है। हिडकल बांध के अधिकारियों ने बताया कि इस बांध में आज सुबह की स्थिति में पानी का स्तर २१६४ फीट पर नापा गया। इसमें आज पहुंचे १७ हजार ४२२ क्यूसेक पानी में से सिर्फ १६९३ क्यूसेक पानी बाहर निकाला गया। महाराष्ट्र के भीमग़ढ में बेहद तेज मॉनसूनी बारिश जारी होने की वजह से बेलगावी जिले के खानापुर तालुक स्थित कनकुंबी और अन्य स्थानों पर जिला प्रशासन को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी प़डी, ताकि बा़ढ के कारण किसी प्रकार की अप्रिय घटना सामने नहीं आए। ृद्ध ्यद्बध् द्यब्र्‍ त्र्ह्ठ्ठणक्कर्‍ द्यय्ब्त्रइन सबके बीच मैसूरु में लंबे समय तक चली भारी से बेहद भारी मॉनसूनी बारिश के बाद अब अधिकांश स्थानों पर बारिश से राहत मिली है। खास तौर पर घाट क्षेत्रों में रहनेवालों के लिए बारिश में आई कमी काफी स्वागत योग्य रही। बहरहाल, मौसम विभाग का मानना है कि यह राहत अस्थायी है और आनेवाले दिनों में राज्य के पश्चिमी घाट क्षेत्रों में बेहद तेज बारिश का एक और दौर शुरू हो सकता है। कावेरी नदी के जलग्रहण क्षेत्रों का यह एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा निगरानी केंद्र (केएसएनडीएमसी) के अधिकारियों के मुताबिक, कावेरी नदी के उद्गम जिले कोडगु में इस वर्ष १ जून से १० जुलाई तक १ हजार ७२२ मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। सामान्य तौर पर इस अवधि में इलाके में १ हजार २१ु० मिलीमीटर बारिश होती है। इस वर्ष ४२ प्रतिशत अधिक बारिश हुई। वहीं, पिछले वर्ष १ जून से ३१ जुलाई तक १ हजार ५४७ मिलीमीटर बारिश हुई थी।

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