बेंगलूरु/दक्षिण भारतराज्य में उद्योगपतियों की समस्याओं का समाधान करने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में एक विशेष प्रकोष्ठ स्थापित किया जाएगा। इसकी अध्यक्षता की जिम्मेदारी सचिव स्तर के किसी अधिकारी को सौंपी जाएगी। मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने शुक्रवार सुबह सूचना प्रौद्योगिकी और जैव तकनीक क्षेत्र की कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्तर के वरिष्ठ पेशेवरों के साथ नाश्ते पर हुई बातचीत के दौरान इस आशय के संकेत दिए। उन्होंने औद्योगिक पूंजी निवेशकों से कर्नाटक में आगे ब़ढकर पूंजी निवेश करने की अपील की ताकि यहां के दूसरे दर्जे के शहरों का औद्योगिक विकास हो सके और उन स्थानों पर लोगों को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध हो सकें। मुख्यमंत्री ने औद्योगिक प्रतिनिधियों को विश्वास दिलाया कि उनकी अगुवाई वाली जनता दल (एस) और कांग्रेस की मिली-जुली सरकार निवेशकों को राज्य में काम काज का एक बेहतरीन माहौल देगी और उनके साथ ही क्षेत्र के विकास के लिए हर प्रकार की बुनियादी सुविधा उपलब्ध करवाएगी। उन्होंने कहा कि उद्योगजगत को स्थानीय स्तर पर ही पर्याप्त दक्ष मानव संसाधन मिल सकें, यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने युवा वर्ग के कौशल विकास पर ५०० करो़ड रुपए खर्च करने का निर्णय लिया है। कुमारस्वामी ने कहा कि पूंजीपतियों को बेंगलूरु से हटकर अन्य शहरों में भी औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने का प्रस्ताव देना चाहिए। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने पूरे धैर्य के साथ उद्योग जगत के प्रतिनिधियों की बातों और उनकी समस्याओं की जानकारी हासिल की। उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने खास तौर पर बुनियादी ढांचे, नीतिगत मामलों और अन्य समस्याओं पर जोर दिया। कुमारस्वामी ने कहा कि इन समस्याओं को दूर करने के लिए उनकी सरकार उद्योग जगत के साथ हर संभव सहयोग करने को तैयार है। राज्य में उद्योगों की स्थापना की राह में अब तक जो रुकावटें रह गई हैं, उन्हें भी दूर करने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में एक विशेष प्रकोष्ठ स्थापित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी बजट घोषणाओं के तहत वह पूरे राज्य के अलग-अलग जिलों में औद्योगिक क्लस्टर विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं्। इस कार्यक्रम के तहत बीदर में कृषि उपकरण बनाने वाले उद्योगों का क्लस्टर, कलबुर्गी में सौर ऊर्जा क्लस्टर, कोप्पल में इलेक्ट्रॉनिक खिलौनों का क्लस्टर, बल्लारी में गार्मेंट्स क्लस्टर, चित्रदुर्गा में एलईडी बल्ब क्लस्टर स्थापित करने का प्रस्ताव है। इन क्लस्टरों में स्थापित होनेवाली औद्योगिक इकाइयों को राज्य सरकार हर संभव अपना सहयोग देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक को देश के इनोवशन केंद्र के रूप में जाना और माना जाता है। यहां जल्दी ही एक इनोवेशन प्राधिकरण का गठन करने पर विचार किया जा रहा है ताकि उद्योग जगत को अपने उत्पादों को नया रूप देने और पूरी दुनिया में अपनी डिजाइनिंग क्षमता का डंका बजाने में मदद मिल सके। इसके लिए राज्य सरकार जल्दी ही एक विधेयक विधानसभा के पटल पर रखने जा रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि विधानसभा के शीत सत्र में यह विधेयक चर्चा के लिए सदन में पेश किया जा सकता है। उद्योग जगत के वरिष्ठ प्रतिनिधियों के साथ इस बातचीत के दौरान भारी उद्योग, आईटी, बीटी, विज्ञान एवं तकनीक मंत्री केजे जॉर्ज भी शामिल थे। उन्होंने इन प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार कर्नाटक में आईटी और बीटी क्षेत्रों की कंपनियों के विकास के लिए उन्हें अपना हर संभव सहयोग देना जारी रखेगी। वहीं, समाज कल्याण मंत्री प्रियंक खरगे ने कह ाकि सरकार ग्रामीण उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए एक कार्यक्रम शुरू करने वाली है। उन्होंने इस कार्यक्रम के लिए कॉर्पोरेट घरानों और खास तौर पर आईटी औार बीटी सेक्टर की कंपनियों के सहयोग की उम्मीद जताई। इस बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में जॉर्ज ने कहा कि राज्य सरकार मैसूरु-कलबुर्गी, बल्लारी-चिकमगलूरु जैसे शहरों के बीच बेहतर यातायात संपर्क विकसित करने के लिए हर कदम उठाने को तैयार है। इन शहरों के बीच सघन संपर्क स्थापित करने के लिए इन शहरों में विमानों की सेवाएं भी दी जाएंगी। यह सरकार कर्नाटक के औद्योगिक विकास के लिए पूरी सक्रियता के साथ काम करने के लिए संकल्पबद्ध है। साथ ही युवा वर्ग को औद्योगीकरण का फायदा पहुंचाने के लिए यह सरकार उनके कौशल विकास पर भी पूरा ध्यान देना चाहती है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास के प्रयास में राज्य सरकार जहां बेंगलूरु में ज्ञान आधारित उद्योगों को लाने पर जोर देगी, वहीं अन्य सभी क्षेत्रों की कंपनियों से बेंगलूरु से अलग हटकर राज्य के अन्य जिलों और शहरों में अपनी इकाइयां स्थापित करने को कहा जाएगा। उन्होंने इस सिलसिले में एशियन पेंट्स द्वारा मैसूरु में अपनी इकाई स्थापित करने के लिए राज्य सरकार को २५०० करो़ड रुपए का निवेश प्रस्ताव दिए जाने की जानकारी दी। वहीं, पत्रकारों के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए जॉर्ज ने कहा कि महत्वाकांक्षी बेंगलूरु-चेन्नई औद्योगिक गलियारा परियोजना के तहत राज्य सरकार टुमकूरु में १० हजार एक़ड जमीन का अधिग्रहण करने जा रही है। इसमें से ६ हजार एक़ड जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है। इस परियोजना के तहत जरूरी ढांचागत सुविधाएं विकसित करने के लिए केंद्र सरकार ने ३ हजार करो़ड रुपए देने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यहां औद्योगिक विकास के लिए पूंजी निवेशकों को आकर्षित करने का प्रयास कर रही है और उनके विभाग से इस बारे में पूछताछ करने के लिए हर दिन पूंजीपतियों और उद्योगपतियों के सवालात मिल रहे हैं।