ओडिशा ट्रेन हादसा: 39 और शव भुवनेश्वर स्थित एम्स लाए गए
सभी अज्ञात शवों को पहचान के लिए यहां एम्स में वैज्ञानिक रूप से संरक्षित किया गया है
मृतकों के परिजन की सहायता के लिए अस्पताल में एक हेल्पडेस्क भी स्थापित की गई है
भुवनेश्वर/भाषा। बालासोर ट्रेन हादसे में जान गंवाने वाले 39 और लोगों के शव यहां स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) लाए गए, ताकि शिनाख्त की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन शवों को बिना किसी परेशानी के उनके परिजनों को सौंपा जा सके।
अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि इन शवों को बालासोर से लाकर रविवार को शहर के छह अस्पतालों में रखा गया, लेकिन शोकसंतप्त परिजनों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि वे अपने प्रियजनों की तलाश में विभिन्न चिकित्सा संस्थानों का दौरा कर रहे हैं।एम्स के अधिकारियों ने कहा, एम्स भुवनेश्वर में 39 और शव लाए गए तथा बुधवार सुबह उन्हें प्रशीतन कंटेनरों में रखा गया।
एम्स भुवनेश्वर में शुरू में 123 शव थे, जिनमें से 71 शव परिवारों को सौंप दिए गए।
अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा, 39 और शव लाए जाने से अब हमारे पास 91 शव हैं। अपने प्रियजनों की तलाश कर रहे परिवारों को यहीं आना होगा।
पूर्वी तटीय रेलवे ने बुधवार को कहा कि ट्रेन दुर्घटना में मरने वालों के परिजनों को शवों की पहचान के लिए दूसरे अस्पतालों में जाने की जरूरत नहीं है।
ओडिशा के मुख्य सचिव पीके जेना ने मंगलवार शाम कहा कि बालासोर ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 288 हो गई है।
उन्होंने कहा, सभी अज्ञात शवों को पहचान के लिए यहां एम्स में वैज्ञानिक रूप से संरक्षित किया गया है।
जेना ने कहा, मृतकों के परिजन की सहायता के लिए अस्पताल में एक हेल्पडेस्क भी स्थापित की गई है।
मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि एम्स भुवनेश्वर ने शवों की उचित पहचान के लिए डीएनए नमूना प्रक्रिया शुरू की है।