कोयंबटूर: नेशनल सिल्क एक्सपो में छाया खूबसूरत साड़ियों का जलवा
यह आयोजन एक अगस्त तक जारी रहेगा
इसका समय सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक है
कोयंबटूर/दक्षिण भारत। भारत के सबसे बड़े कॉटन और रेशम एक्सपो में से एक नेशनल सिल्क एक्सपो में रौनक छाई हुई है। कोयंबटूर में अविनाशी रोड स्थित सुगुणा कल्याण मंडपम में 27 जुलाई से शुरू हुआ यह आयोजन एक अगस्त तक जारी रहेगा। इसका समय सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक है।
चूंकि मानसून सीजन में बड़ी संख्या में लोग पारंपरिक और ब्राइट कपड़े पहनना शुरू करते हैं, इसलिए हथकरघे से बने उत्पाद उन्हें काफी आकर्षित कर रहे हैं। यहां देश की बुनाई परंपराओं को प्रदर्शित करने वाली साड़ियों और ड्रेस सामग्री की 1,50,000 से अधिक वैरायटी उपलब्ध हैं। एक्सपो में चहलकदमी करना भारतीय वस्त्र कला के रंगों की यात्रा करने जैसा है।यहां जीवंत रंगों और मिट्टी के रंगों में जूट रेशम, पॉलिश और कच्चे टसर, कांथा-वर्क वाली साड़ियां, ढाकाई जामदानी और मसलिन रेशम, बालूचरी, तंगेल, पश्चिम बंगाल की लिनेन साड़ी, उप्पाडा साड़ियां, जो सोने की बुनाई के साथ शानदार ढंग से चमकती हैं, के प्रति खास आकर्षण है।
वहीं, डबल बुनाई इक्कत, घिचा सिल्क और कॉटन खरीदारी को खास बनाते हैं। उत्तम दर्जे का रेशम औपचारिक अवसरों के लिए आदर्श माना जाता है। वहीं, हल्के पेस्टल रंगों में लखनऊ से चिकन का काम सभी उम्र और अवसरों के लिए है।
कई उत्पादों पर छूट देने वाली इस प्रदर्शनी में भागलपुरी सिल्क, रनिंग मटीरियल और साड़ियों का आकर्षक संग्रह है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के बनारस सिल्क और सिल्क कॉटन, राजस्थानी डब्बू प्रिंट, बंधेज और गुजरात पटोला, बिहार टसर सिल्क मंत्रमुग्ध करने वाले रंगों में हैं। वहीं, इंद्रधनुषी रंगों में वर्क किए गए बॉर्डर के रोल, सेक्विन-वर्क वाले ब्लाउज, ड्रेस के लिए योक और भी बहुत कुछ यहां उपलब्ध है, जिसके लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़ रहे हैं। यहां एंट्री फ्री है। सभी डेबिट और क्रेडिट कार्ड स्वीकार किए जाते हैं।