हमें भविष्य के लिए सही समय पर सही फैसले लेने होंगे: मोदी
प्रधानमंत्री ने संसद के सेंट्रल हॉल में सांसदों को संबोधित किया
'हमें देश की आकांक्षा के लिए हिम्मत के साथ नए निर्णय करने होंगे'
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को संसद के सेंट्रल हॉल में सांसदों को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज नए संसद भवन में हम सब मिलकर, नए भविष्य का श्रीगणेश करने जा रहे हैं। आज हम यहां विकसित भारत का संकल्प दोहराने, संकल्पबद्ध होने और उसको परिपूर्ण करने के लिए जी-जान से जुटने के इरादे से नए भवन की तरफ प्रस्थान कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भवन और उसमें भी ये सेंट्रल हॉल हमारी भावनाओं से भरा हुआ है, यह हमें भावुक भी करता है और हमें हमारे कर्तव्यों के लिए प्रेरित भी करता है। साल 1952 के बाद दुनिया के करीब 41 राष्ट्राध्यक्षों ने इस सेंट्रल हॉल में हमारे सभी माननीय सांसदों को संबोधित किया है। हमारे सभी राष्ट्रपति महोदयों के द्वारा 86 बार यहां संबोधन दिया गया है।प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद ने बीते वर्षों में ट्रांसजेंडर को न्याय देने वाले कानूनों का भी निर्माण किया। इसके माध्यम से हमने ट्रांसजेंडर को भी सद्भाव और सम्मान के साथ नौकरी, शिक्षा, स्वास्थ्य और बाकी सुविधाएं देने की दिशा में कदम बढ़ाया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जम्मू—कश्मीर शांति और विकास के रास्ते पर चल पड़ा है और नई उमंग, नए उत्साह, नए संकल्प के साथ वहां के लोग आगे बढ़ने का कोई मौका अब छोड़ना नहीं चाहते।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने इस सदन में अनुच्छेद-370 से मुक्ति पाने, अलगाववाद एवं आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने का महत्वपूर्ण कदम उठाया। इस काम में माननीय सांसदों और संसद की बहुत बड़ी भूमिका है। जम्मू—कश्मीर में इसी सदन में निर्मित संविधान लागू किया गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि टेक्नोलॉजी की दुनिया में भारत का नौजवान जिस प्रकार आगे बढ़ रहा है, वो पूरे विश्व के लिए आकर्षण और स्वीकृति का केंद्र बन रहा है। अमृतकाल के 25 वर्षों में भारत को अब बड़े कैनवास पर काम करना ही होगा। हमें आत्मनिर्भर भारत बनाने के लक्ष्य को सबसे पहले परिपूर्ण करना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें अब मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनने की दिशा में काम करना होगा। हमारे यहां निर्मित डिजाइन, हमारे सॉफ्टवेयर, हमारे कृषि उत्पाद, हमारे हस्तशिल्प हर क्षेत्र में अब हमें वैश्विक मापदंडों को पार करने के इरादे से ही चलना होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हर छोटी चीज पर बारीकी से ध्यान देते हुए हमें आगे बढ़ना है। हमें भविष्य के लिए सही समय पर सही फैसले भी लेने होंगे। हम राजनीतिक लाभ-नुकसान के गुणा भाग में अपने आप को बंदी नहीं बना सकते। हमें देश की आकांक्षा के लिए हिम्मत के साथ नए निर्णय करने होंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सामाजिक न्याय हमारी पहली शर्त है। बिना सामाजिक न्याय, बिना संतुलन, बिना समभाव के हम इच्छित परिणाम प्राप्त नहीं कर सकते, लेकिन सामाजिक न्याय की चर्चा बहुत सीमित बनकर रह गई है। हमें उसे एक व्यापक रूप में देखना होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का पूर्वी भाग समृद्धि से भरा हुआ है, लेकिन वहां के नौजवानों को रोजगार के लिए दूसरे इलाकों में जाना पड़ता है। यह स्थिति हमें बदलनी है और देश के पूर्वी भाग को समृद्ध बनाकर सामाजिक न्याय को मजबूती भी देनी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज दुनिया के लिए एक स्थिर आपूर्ति शृंखला के रूप में उभर रहा है। आज यह विश्व की जरूरत है और उस आवश्यकता की पूर्ति करने का काम भारत ने जी20 में वैश्विक दक्षिण की आवाज बनकर किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम यहां से विदाई लेकर संसद के नए भवन में बैठने वाले हैं और यह बहुत शुभ है कि गणेश चतुर्थी के दिन वहां बैठ रहे हैं। आज नए संसद भवन में हम सब मिलकर नए भविष्य का श्री गणेश करने जा रहे हैं। आज हम यहां विकसित भारत का संकल्प दोहराने, फिर एक बार संकल्पबद्ध होने और उसको परिपूर्ण करने के लिए जी-जान से जुटने के इरादे से नए भवन की तरफ प्रस्थान कर रहे हैं।