बेंगलूरु: आरके सिंह ने पावरग्रिड विश्राम सदन का उद्घाटन किया
आरके सिंह ने पावरग्रिड के नेक प्रयासों की सराहना की
इस विश्राम सदन से दूर-दराज के इलाकों के जरूरतमंद लोगों को फायदा होगा
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। केंद्रीय विद्युत एवं नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने गुरुवार को पावरग्रिड विश्राम सदन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख एल मंडाविया की वर्चुअल उपस्थिति रही। कार्यक्रम में कर्नाटक सरकार के ऊर्जा मंत्री केजे जॉर्ज, बेंगलूरु दक्षिण के सांसद तेजस्वी सूर्या, पावरग्रिड के निदेशक (कार्मिक) डॉ. यतींद्र द्विवेदी, निमहंस बेंगलूरु की निदेशक डॉ. प्रतिमा मूर्ति और पावरग्रिड के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरके सिंह ने पावरग्रिड के नेक प्रयासों की सराहना की और कहा कि इस विश्राम सदन से दूर-दराज के इलाकों के जरूरतमंद लोगों को फायदा होगा। उन्होंने देश में मजबूत विद्युत परिदृश्य और आम आदमी को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में भी बताया।योगदान की सराहना
डॉ. मनसुख मंडाविया ने सुविधाओं में सुधार के लिए अस्पतालों का सहयोग करने के वास्ते पावरग्रिड सीएसआर के योगदान की सराहना की। उन्होंने देशभर के लोगों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल के लिए निमहंस के योगदान की सराहना की।
उन्होंने विशेषकर कोविड के दौरान डॉक्टरों और कर्मचारियों की मेहनत की सराहना की। उन्होंने टेलीमानस पहल के बारे में बताया, जो उन लोगों के लिए एक वरदान है, जिन्हें मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचने में कठिनाई होती है।
कई सुविधाओं से युक्त
करीब 23 करोड़ रुपए की लागत से बने इस दो मंजिला विश्राम सदन में 270 बिस्तर हैं। इस सदन के 55 कमरे सभी आवश्यक सुविधाओं से सुसज्जित हैं और मरीजों के परिचारकों को अधिकतम संभव आराम मुहैया कराने में सक्षम हैं।
यहां भी बनाए विश्राम सदन
एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट सिटिजन के रूप में पावरग्रिड ने जनता के लाभ के लिए एम्स नई दिल्ली, आईजीआईएमएस पटना, डीएमसीएच दरभंगा, केजीएमयू, लखनऊ, गुवाहाटी और वडोदरा में इसी तरह के विश्राम सदन बनाए हैं। पावरग्रिड द्वारा रांची और झांसी में भी ऐसे विश्राम सदन का निर्माण किया जा रहा है।
इन क्षेत्रों में योगदान
पावरग्रिड ने लगभग 1,000 करोड़ रुपए की लागत वाली अपनी सीएसआर पहल के साथ देशभर में आर्थिक और सामाजिक विकास में योगदान देकर ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, कौशल विकास, पर्यावरण, पेयजल, जल संरक्षण और स्वच्छता के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।