विपक्ष पर मोदी का प्रहार- इस बार तो इन्हें जमानत बचाने के लिए ही बहुत संघर्ष करना पड़ेगा

प्रधानमंत्री ने वाराणसी में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास किया

विपक्ष पर मोदी का प्रहार- इस बार तो इन्हें जमानत बचाने के लिए ही बहुत संघर्ष करना पड़ेगा

प्रधानमंत्री ने कहा कि छह दशक के परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण ने उप्र को विकास में पीछे रखा

वाराणसी/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को उप्र के वाराणसी में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यहां आने से पहले मैं बनास डेयरी प्लांट में गया था। वहां मेरी अनेक पशुपालक बहनों से बातचीत भी हुई। किसान परिवारों की इन बहनों को दो-तीन साल पहले हमने स्वदेशी नस्ल की गीर गाय दी थीं। मकसद यह था कि पूर्वांचल में बेहतर नस्ल की स्वदेशी गायों को लेकर जानकारी और बढ़े, किसान-पशुपालकों को फायदा हो। आज यहां गीर गायों की संख्या साढ़े तीन सौ के करीब तक पहुंच चुकी है।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि संवाद के दौरान बहनों ने मुझे यह भी बताया कि पहले जहां सामान्य गाय से 5 लीटर दूध मिलता था, अब गीर गाय 15 लीटर तक दूध देती है। एक गाय तो 20 लीटर तक दूध देती है। इससे इन बहनों को हर महीने हजारों रुपए की अतिरिक्त कमाई हो रही है। इसके कारण हमारी ये बहनें लखपति दीदी भी बन रही हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बनास डेयरी प्लांट का शिलान्यास मैंने दो वर्ष पहले किया था। तब मैंने वाराणसी सहित पूर्वांचल के तमाम पशुपालकों, गोपालकों को इस प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करने की गारंटी दी थी। आज मोदी की गारंटी आपके सामने है। इसलिए तो लोग कहते हैं- मोदी की गारंटी यानी गारंटी पूरा होने की गारंटी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बनास काशी संकुल रोजगार के भी हजारों नए अवसर बनाएगा। एक अनुमान है कि इस संकुल से पूरे इलाके में 3 लाख से ज्यादा किसानों की आय बढ़ेगी। काशी तो कचरे से कंचन बनाने के मामले में भी एक मॉडल के रूप में देश में सामने आ रही है। आज ऐसे एक और प्लांट का लोकार्पण यहां हुआ है। यह प्लांट प्रतिदिन शहर से निकलने वाले 600 टन कचरे को 200 टन चारकोल में बदलेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दो दिन पहले ही सरकार ने गन्ने के न्यूनतम मूल्य को बढ़ाकर 340 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया है। आप वह समय भी याद कीजिए, जब गन्ने के भुगतान के लिए पहले की सरकार कितना मिन्नत करवाती थी। लेकिन अब किसानों के बकाए का भुगतान तो हो ही रहा है, फसलों के दाम भी बढ़ाए जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि छह दशक के परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण ने उप्र को विकास में पीछे रखा। पहले की सरकारों ने यूपी को बीमारू राज्य बनाया, यहां के नौजवानों से उनका भविष्य छीना। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के युवराज का कहना है कि काशी के नौजवान, उप्र के नौजवान नशेड़ी हैं। जिनके अपने होश ठिकाने नहीं हैं, वो उप्र के, मेरी काशी के बच्चों को नशेड़ी कह रहे हैं!

प्रधानमंत्री ने कहा कि मोदी को गाली देते-देते तो इन्होंने दो दशक बिता दिए और अब ईश्वर रूपी जनता-जनार्दन पर, उप्र के नौजवानों पर ही ये लोग अपनी निराशा निकाल रहे हैं। अरे घोर परिवारवादियो! काशी का, उप्र का नौजवान तो विकसित उप्र बनाने में जुटा है, अपना समृद्ध भविष्य लिखने के लिए परिश्रम की पराकाष्ठा कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजकल तो इनके गुस्से का, इनकी बौखलाहट का एक और भी कारण है। इनको काशी और अयोध्या का नया स्वरूप बिल्कुल पसंद नहीं आ रहा। ये अपने भाषणों में राम मंदिर को लेकर कैसी-कैसी बातें करते हैं! मैं यह नहीं जानता था कि कांग्रेस को प्रभु श्रीराम से इतनी नफरत है!

प्रधानमंत्री ने कहा कि ये अपने परिवार और वोटबैंक से बाहर देख नहीं सकते, सोच नहीं सकते। तभी तो हर चुनाव के दौरान साथ आते हैं और जब परिणाम ‘निल बटे सन्नाटा’ आता है तो ये एक-दूसरे को गाली देते हुए अलग हो जाते हैं। इस बार तो इनको जमानत बचाने के लिए ही बहुत संघर्ष करना पड़ेगा।

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