मोदी के सत्ता में आने के बाद चिकित्सा के क्षेत्र में हुए ऐतिहासिक बदलाव: डॉ. मंजूनाथ

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मोदी के सत्ता में आने के बाद चिकित्सा के क्षेत्र में हुए ऐतिहासिक बदलाव: डॉ. मंजूनाथ

Photo: @DrCNManjunath X account

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। बेंगलूरु ग्रामीण सीट से भाजपा के लोकसभा चुनाव उम्मीदवार डॉ. सीएन मंजूनाथ ने कहा ​कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद चिकित्सा के क्षेत्र में कई ऐतिहासिक बदलाव हुए हैं।

उन्होंने भाजपा के चुनाव मीडिया सेंटर में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि आजादी के समय जीवन प्रत्याशा 37 वर्ष थी और अब यह लगभग 70 वर्ष है। चिकित्सा के क्षेत्र में कई सुधार हुए हैं। उन्होंने विश्लेषण करते हुए बताया कि उपचार व्यवस्था भी अच्छी चल रही है।

डॉ. मंजूनाथ ने कहा कि मोदी के सत्ता संभालने से पहले देश में 5 एम्स थे। आज 23 एम्स हैं। भारत में दिल का दौरा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक, कैंसर सहित कई बीमारियां बढ़ी हैं। अब 40 साल से कम उम्र के लोग दिल के दौरे से पीड़ित हो रहे हैं। इसे रोकने के लिए एंजियोप्लास्टी या स्टेंट का उपयोग किया जाता है। मोदी के सत्ता में आने से पहले स्टेंट की कीमत 1 लाख 70 हजार थी। अब इसे घटाकर 30 हजार रुपए कर दिया गया है

डॉ. मंजूनाथ ने कहा कि भारत में हर साल 30 लाख लोग दिल के दौरे से पीड़ित होते हैं। यह सिर्फ अमीरों की बीमारी नहीं है। गरीब भी इससे पीड़ित होते हैं। स्टेंट की कीमतों में कमी से कई लोगों को फायदा हुआ है। हमारे देश में 14 करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित हैं। अन्य 14 करोड़ लोग प्री-डायबिटिक हैं।

डॉ. मंजूनाथ ने हाई बीपी, डायबिटीज, हार्ट अटैक के मरीजों को दवाइयां लेने की सलाह देते हुए कहा कि गरीबों को दवाइयां सुलभ कराने के लिए प्रधानमंत्री ने जन औषधि केंद्र खोले हैं। इससे दवाइयां सस्ती कीमतों पर उपलब्ध हो रही हैं। कर्नाटक में 1,120 जन औषधि केंद्र हैं। 

उन्होंने कहा कि यहां 1,000 रु. की दवाई 100 से 150 रु. में मिलती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कोविड संकट से निपटने के मोदी के तरीके की सराहना की है। हमने अमेरिका, जापान, चीन, यूरोप से बेहतर ढंग से कोविड को संभाला है। एक राष्ट्रीय-राज्य टास्क फोर्स टीम बनाकर और नियमित आभासी बैठकें आयोजित करके इस स्थिति से निपटा। लोगों को 270 करोड़ वैक्सीन डोज दिए गए।

डॉ. मंजूनाथ ने कहा कि मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण बदलाव आए हैं, जिसमें मरीजों के इलाज के लिए वेंटिलेटर और ऑक्सीजन का उत्पादन शामिल है। उन्होंने कहा कि आज हमारे देश में 1 लाख से ज्यादा आईसीयू बेड उपलब्ध हैं।

डॉ. मंजूनाथ ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत पिछले छह वर्षों में कर्नाटक में 1.32 करोड़ लोगों का इलाज किया गया है। उन्होंने कहा कि यह एक अच्छा प्रोजेक्ट है।

डॉ. मंजूनाथ ने कहा कि साल 2014 से पहले मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 थी। अब 780 मेडिकल कॉलेज हैं। उन्होंने बताया कि एमबीबीएस सीटों की संख्या 51 हजार से बढ़कर 1 लाख 20 हजार हो गई है। मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएट सीटों की संख्या भी 30 हजार से बढ़कर 95 हजार हो गई है। हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज होने से मरीजों को पर्याप्त और समय पर इलाज मिल रहा है। 

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 'गोल्डन आवर' के दौरान हार्ट अटैक पीड़ितों का तालुका अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है। प्राकृतिक चिकित्सा और योग से जुड़े स्वास्थ्य पर्यटन क्षेत्र को अधिक महत्त्व मिल रहा है। इसी वजह से भारत आने वाले विदेशियों की संख्या भी बढ़ी है।

प्रेसवार्ता में पूर्व उपमुख्यमंत्री डाॅ. सीए अश्वत्थनारायण, पूर्व मंत्री मुनिरत्न, प्रदेश प्रवक्ता अशोक गौड़ा समेत अन्य लोग मौजूद थे।

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