राष्ट्रपति मुर्मू ने लोगों से पर्यावरण की रक्षा के लिए किया यह आग्रह
मंदिर नगरी में समुद्र तट का दौरा करने के बाद सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर लिखी एक पोस्ट में मुर्मू ने कहा ...
Photo: @rashtrapatibhvn X account
पुरी/दक्षिण भारत। भारत में हाल में भीषण गर्मी के दौर और दुनियाभर में लगातार हो रही चरम मौसम की घटनाओं पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को लोगों से बेहतर कल के लिए पर्यावरण की रक्षा के लिए छोटे और स्थानीय कदम उठाने का आग्रह किया।
मंदिर नगरी में समुद्र तट का दौरा करने के बाद सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर लिखी एक पोस्ट में मुर्मू ने कहा कि प्रदूषण के कारण महासागरों और वनस्पतियों तथा जीवों की समृद्ध विविधता को भारी नुकसान हुआ है, लेकिन प्रकृति की गोद में रहने वाले लोगों ने परंपराओं को कायम रखा है 'जो हमें रास्ता दिखा सकती हैं।'उन्होंने पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के उपाय सुझाते हुए कहा, 'उदाहरण के लिए, तटीय क्षेत्रों के निवासी समुद्र की हवाओं और लहरों की भाषा जानते हैं। हमारे पूर्वजों का अनुसरण करते हुए, वे समुद्र को भगवान के रूप में पूजते हैं।'
राष्ट्रपति 6 जुलाई को चार दिवसीय दौरे पर ओडिशा पहुंची थीं।
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— President of India (@rashtrapatibhvn) July 8, 2024
उन्होंने कहा कि ऐसी जगहें हैं जो हमें जीवन के सार के करीब लाती हैं और हमें याद दिलाती हैं कि हम प्रकृति का हिस्सा हैं। पहाड़, जंगल, नदियाँ और समुद्र तट हमारे भीतर की किसी चीज़ को आकर्षित करते हैं।
उन्होंने कहा कि आज जब मैं समुद्र के किनारे टहल रही थी, तो मुझे आस-पास के वातावरण से जुड़ाव महसूस हुआ - हल्की हवा, लहरों की गर्जना और पानी का विशाल विस्तार। यह एक ध्यानपूर्ण अनुभव था।
मुर्मू ने कहा कि इससे मुझे गहरी आंतरिक शांति मिली, जो मैंने कल महाप्रभु श्री जगन्नाथजी के दर्शन करते समय महसूस की थी। और ऐसा अनुभव करने वाली मैं अकेली नहीं हूं; हम सभी को ऐसा महसूस हो सकता है, जब हम किसी ऐसी चीज़ का सामना करते हैं, जो हमसे कहीं बड़ी है, जो हमें सहारा देती है और जो हमारे जीवन को सार्थक बनाती है।
राष्ट्रपति ने समुद्र तट पर टहलते हुए अपनी तस्वीरें साझा करते हुए कहा कि दैनिक जीवन की भागदौड़ में लोग प्रकृति माता से अपना संबंध खो देते हैं।