चामुंडेश्वरी क्षेत्र विकास प्राधिकरण की बैठक न्यायालय के निर्णय के अनुसार है: सिद्दरामैया

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थगन आदेश हटने के बाद प्राधिकरण की पहली बैठक बुलाई गई है

चामुंडेश्वरी क्षेत्र विकास प्राधिकरण की बैठक न्यायालय के निर्णय के अनुसार है: सिद्दरामैया

Photo: Siddaramaiah.Official FB Page

मैसूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने मंगलवार को कहा कि न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश हटाने के निर्णय के आधार पर श्री चामुंडेश्वरी क्षेत्र विकास प्राधिकरण की बैठक आयोजित करने की कार्रवाई की गई है।

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उन्होंने बताया कि सरकार ने श्री चामुंडेश्वरी क्षेत्र विकास प्राधिकरण का गठन किया है, जिसके लिए राजमाते प्रमोददेवी ने न्यायालय से स्थगन मांगा था। स्थगन आदेश 22 अगस्त को हटा दिया गया।

वे मैसूरु स्थित अपने आवास पर मीडिया से बातचीत कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थगन आदेश हटने के बाद प्राधिकरण की पहली बैठक बुलाई गई है।

मीडिया द्वारा पूछे गए इस सवाल पर कि राजमाते प्रमोददेवी और सांसद यदुवीर ने प्रबंधन बोर्ड के सचिव को पत्र लिखकर बैठक आयोजित करने को अवैध बताया है, मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि प्रबंधन बोर्ड हमेशा से ही सरकारी नियंत्रण में रहा है। उन्होंने कहा कि पहले भी सरकार ही सदस्यों और अध्यक्ष की नियुक्ति करती थी।

'कोविड भ्रष्टाचार' रिपोर्ट पर होगी चर्चा

'कोविड भ्रष्टाचार' से संबंधित रिपोर्ट पर चर्चा करने और कार्रवाई करने के लिए गुरुवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है। मुख्यमंत्री ने राजनीतिक मंशा के आरोपों से इन्कार किया और आश्वासन दिया कि गलत काम करने वालों के खिलाफ रिपोर्ट के निष्कर्षों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

सांसद सुधाकर के इस बयान पर कि रिपोर्ट राजनीतिक उद्देश्य से लाई गई है, मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि वे यह क्यों मान रहे हैं कि यह उन्हीं की रिपोर्ट है?

मुख्यमंत्री ने कहा, 'उन्हें रिपोर्ट के बारे में कोई जानकारी नहीं है, इसलिए वे चिंतित हैं, क्योंकि उन्होंने कुछ गलत किया है। रिपोर्ट का खुलासा नहीं किया गया है। उनके बयान से उनकी मानसिक स्थिति का पता चलता है।'

इस सवाल का जवाब देते हुए कि क्या कथित घोटाले में 7,000 करोड़ रुपए की हेराफेरी की गई है, मुख्यमंत्री ने दोहराया कि उन्हें रिपोर्ट का ब्योरा नहीं पता है।

गलत काम करने वालों पर कार्रवाई

सरकार द्वारा पूर्व एमयूडीए आयुक्त दिनेश कुमार को निलंबित किए जाने के बारे में उन्होंने स्पष्ट किया कि शहरी विकास विभाग ने उन्हें निलंबित किया है।

इस सवाल पर कि केवल एक व्यक्ति को निलंबित किया गया है, जबकि दो आयुक्तों के खिलाफ आरोप हैं, मुख्यमंत्री ने कहा कि एक आयोग गठित किया गया है और गलत काम करने वालों के खिलाफ रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

पत्रकारों के इस सवाल का जवाब देते हुए कि निलंबन आदेश में कहा गया है कि साल 2009 से पहले गठित लेआउट पर 50:50 अनुपात लागू नहीं है, लेकिन इसे लागू किया गया है, उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।

न तो झूठ बोला और न ही कुछ गलत किया

मुख्यमंत्री ने बताया कि वे देवी चामुंडेश्वरी की पूजा करने के लिए चामुंडी पहाड़ियों पर जा रहे हैं। विपक्ष सोच रहा है कि अगर उसके झूठे आरोप साबित नहीं हुए तो मुश्किल हो जाएगी। उन्होंने कहा कि न तो झूठ बोला है और न ही कोई गलती की है।

विधायक आरवी देशपांडे के इस बयान पर कि सिद्दरामैया पांच साल तक मुख्यमंत्री रहेंगे और यदि (सिद्दरामैया) सहमत होंगे तो वे मुख्यमंत्री बन जाएंगे, मुख्यमंत्री ने कहा कि यह चयन विधायक और पार्टी नेता करते हैं।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को तीन महीने से मानदेय जारी करने में हो रही देरी के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि वे इस मामले की जांच करेंगे।

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