बेंगलूरु में निर्माणाधीन इमारत ढहने से 3 लोगों की मौत, बचाव अभियान जारी
कई इलाकों में भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है
Photo: PixaBay
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। बेंगलूरु के बाबूसापाल्या में मंगलवार को एक निर्माणाधीन इमारत ढहने से तीन लोगों की मौत हो गई। वहीं, तीन लोगों को बचा लिया गया है। घटना शाम करीब 4 बजे हुई।
बता दें कि शहर के कई इलाकों में भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है। उक्त निर्माणाधीन इमारत ढहने से इसके निर्माताओं द्वारा नगर निगम से 'उचित अनुमति' को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। बताया जा रहा है कि लगभग 17 लोग फंसे हुए हैं।एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मीडिया को बताया कि अंदर 17 लोगों के फंसे होने की आशंका है। अन्य एजेंसियों की मदद से समन्वित प्रयासों के तहत बचाव अभियान चलाया जा रहा है।
बताया गया कि इमारत का एक हिस्सा मजदूरों के शेड पर झुक गया था। सूचना के बाद हेन्नूर पुलिस मौके पर पहुंची। बीबीएमपी और अग्निशमन के अधिकारी भी मदद पहुंचाने के लिए वहां मौजूद थे।
अग्निशमन और आपातकालीन विभाग की दो बचाव वैनों को तैनात किया गया है। फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की पांच टीमें लगाई गई हैं।
यह इमारत मुनिराजू नामक व्यक्ति की बताई जा रही है। जब अधिकारियों ने उससे संपर्क करने की कोशिश की तो उसका फोन बंद पाया गया।
'सुरक्षित बाहर निकालकर लाएं'
घटना के बाद श्रमिकों के परिजन, रिश्तेदार और साथी चिंतित हैं। उन्होंने अधिकारियों से अपील की है कि वे उन्हें सुरक्षित बाहर निकालकर लाएं। बारिश के कारण बचाव एवं राहत कार्यों में दिक्कत आ रही है।
गौरतलब है कि सोमवार देर रात से मंगलवार सुबह 6 बजे तक सिर्फ़ छह घंटों में येलहंका में 157 मिमी बारिश हुई है। येलहंका के केंद्रीय विहार में तो कमर तक पानी भर गया था। इससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। कई यात्रियों को फ्लाइट्स, ट्रेनों और बसों में यात्रा से वंचित होना पड़ा। निचले इलाकों और झीलों के पास के कई घरों में पानी भर गया।
कई सड़कों पर लंबा जाम
बीबीएमपी के मुख्य आयुक्त तुषार गिरिनाथ भी हालात का जायजा लेने के लिए घुटनों तक भरे पानी में उतरे। लोगों ने कहा कि दुकानों और घरों में रखे घरेलू सामान, वाहनों आदि को नुकसान हुआ है। इसी तरह कई सड़कों पर लंबा जाम लग गया। खासकर केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की ओर जाने वाली सड़क पर काफी दूर तक यही स्थिति रही। ऐसा ही हाल तुमकूरु रोड, ओल्ड मद्रास रोड और कनकपुरा रोड का रहा।
लोगों को राहत पहुंचाना मकसद: शिवकुमार
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, जिनके पास बेंगलूरु विकास विभाग भी है, ने कहा कि हम प्रकृति को नहीं रोक सकते, लेकिन वहां मौजूद हैं। मैं पूरी टीम से जानकारी भी जुटा रहा हूं। मेरा दौरा इसलिए महत्त्वपूर्ण नहीं है, क्योंकि अगर मैं जाऊंगा तो मीडिया में चर्चा में आऊंगा। मेरा मकसद प्रचार पाना नहीं, बल्कि बारिश से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाना है।
कई घरों में भरा पानी
जानकारी के अनुसार, शांतिनगर के ऑस्टिन टाउन इलाके में सुबह 100 से ज़्यादा घरों में पानी भर गया। लोगों ने सही तरीके से निकासी नहीं होने को लेकर शिकायतें कीं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों से कई बार अपील करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई।
इसके अलावा श्रीनिवागिलु मेन रोड और 80 फीट रोड पर लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जयनगर जनरल अस्पताल के पास पेड़ गिरने से रास्ता अवरुद्ध हो गया था। मरियप्पनपाल्या स्काईवॉक और पनाथुर रेलवे अंडरपास के पास भी यातायात की गति बहुत धीमी रही।