झारखंड में भाजपा सरकार बनते ही घुसपैठ पर रोक लगाने के लिए कदम उठाए जाएंगे: मोदी

प्रधानमंत्री ने झारखंड के चाईबासा में भाजपा की चुनावी जनसभा को संबोधित किया

झारखंड में भाजपा सरकार बनते ही घुसपैठ पर रोक लगाने के लिए कदम उठाए जाएंगे: मोदी

Photo: @BJP4India X account

चाईबासा/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को झारखंड के चाईबासा में भाजपा की चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि झारखंड की यह भूमि, जनजातीय गौरव, जनजा​तीय मान-मर्यादा की साक्षी रही है। यह माटी उस आदिवासी शौर्य की साक्षी रही है, जिसने भारत की आजादी, भारत की संस्कृति और विरासत की रक्षा की है। इस धरा ने भगवान बिरसा मुंडा, चांद भैरव, तिलका मांझी, नीलाम्बर-पीताम्बर, सिदो-कान्हू जैसे अनगिनत वीरों को जन्म दिया है।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि इतिहास गवाह है कि कैसे कोल्हान ने अत्याचारी अंग्रेजी सेना को टक्कर दी थी, आज फिर कोल्हान ने जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी की अत्याचारी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए कमर कस ली है। हर कोई कह रहा है कि कोल्हान नया इतिहास रचने जा रहा है। जो सालों साल नहीं हुआ, वह इस साल होने जा रहा है। इस चाईबासा की विशाल रैली का संदेश भी यही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा के लिए आदिवासी भाई-बहनों की आकांक्षा, उनका स्वाभिमान हमेशा सर्वोपरि रहा है। जब पहली बार भाजपा सरकार बनी और दिल्ली में अटल बिहारी वाजपेयी को सेवा करने का अवसर मिला, तब जाकर आदिवासी समाज को अलग राज्य मिले। छत्तीसगढ़ और झारखंड, ये दो राज्य बनाने का सौभाग्य भाजपा को ही मिला है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां कांग्रेस सरकार ने हमारे आदिवासी भाइयों को गोलियों से भून दिया था। हमारे वे आदिवासी पूर्वज सिर्फ अपना हक मांग रहे थे, वे अलग झारखंड राज्य मांग रहे थे। उस समय आरजेडी के नेता भी कहते थे कि झारखंड उनकी लाश पर बनेगा। आपके सपनों से इतनी नफरत है इन लोगों को। जो आरजेडी झारखंड बनाने को सहमत नहीं था, आज जेएमएम उसकी गोद में बैठ गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 80 के दशक में जब बिहार और दिल्ली, दोनों जगह कांग्रेस की सरकार थी, झारखंड तब अलग नहीं हुआ था, यह बिहार का हिस्सा था। तब क्या हुआ था? अपने माता-पिता, दादा-दादी से पूछिए, उनको गुआ गोलीकांड जरूर याद होगा। जिस तरह की बर्बरता अंग्रेजों ने की थी, वैसी ही बर्बरता यहां कांग्रेस सरकार ने आदिवासियों का खून बहाकर की थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को विकसित बनाने के लिए आदिवासी समाज का विकास की मुख्यधारा से जुड़ना बहुत जरूरी है। यह आदिवासी समाज की उचित भागीदारी के बिना संभव नहीं है, इसलिए भाजपा ने आदिवासी भागीदारी पर हमेशा बल दिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरा लंबा समय आदिवासी क्षेत्रों में माताओं-बहनों के संघर्ष को देखते हुए गुजरा है। अभाव और गरीबी में वे कैसे परिवार और समाज को संभालती हैं, मैंने इसे अपनी आंखों से देखा है, इसलिए आज भाजपा-राजग सरकार की योजनाओं के केंद्र में माताएं, बहनें रहती हैं। मुझे खुशी है कि महिलाओं को सशक्त करने वाला संकल्प पत्र झारखंड भाजपा ने कल ही जारी किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीब का संघर्ष क्या होता है, मैंने उसको जिया है, निकट से देखा है। तभी तो बीते 10 वर्षों में गरीबों के लिए सबसे बड़ी योजनाएं मैंने बनाईं। इन्हीं योजनाओं का परिणाम है कि 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए। झारखंड में भी गरीबी दूर करने के लिए भाजपा प्रतिबद्ध है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और उसके साथी दलों ने लंबे समय तक आदिवासी समाज को गरीब रखा है, अभावों में रखा। कांग्रेस को तो आदिवासी कल्याण के लिए अलग मंत्रालय बनाने तक की सुध नहीं थी। यह काम भी भाजपा-राजग ने ही किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि झारखंड में भाजपा सरकार बनते ही घुसपैठ पर रोक लगाने के लिए कदम उठाए जाएंगे। अवैध तरीके से हड़प की गई भूमि को फिर से आदिवासी बेटियों के ​नाम करने के लिए कानून लाए जाएंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आदिवासी अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए ही बाबा साहेब अंबेडकर ने आदिवासी आरक्षण की शुरुआत करवाई थी, लेकिन उस समय भी नेहरूजी ने आदिवासियों को आरक्षण का विरोध किया था। इसके बाद जितने साल सरकार पर गांधी परिवार का कब्जा रहा, ये लोग आरक्षण के खिलाफ रहे। अब एक बार फिर इन लोगों ने खुला ऐलान कर दिया है कि आदिवासियों को मिलने वाले आरक्षण को समाप्त कर देंगे।

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