आम आदमी पार्टी का ऐलान, लोकसभा चुनावों के लिए नहीं होगा कांग्रेस से कोई गठबंधन

आम आदमी पार्टी का ऐलान, लोकसभा चुनावों के लिए नहीं होगा कांग्रेस से कोई गठबंधन

aam aadmi party

नई दिल्ली। नए साल की दस्तक के साथ ही राजनीतिक दल आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी को घेरने के लिए महागठबंधन की चर्चाओं के बीच आम आदमी पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने बूते ही लोकसभा चुनाव लड़ेगी। पार्टी ने कहा है कि उसका कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा और ऐसे गठजोड़ की कोई गुंजायश भी नहीं है। इस संबंध में पार्टी के दिल्ली इकाई संयोजक गोपाल राय ने बताया कि क्षेत्रवार रणनीति बनाई गई है। उसके आधार पर ही लोकसभा चुनाव लड़ा जाएगा।

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गोपाल राय ने कहा कि भाजपा को चुनाव में हराने के लिए ‘आप’ अकेली की काफी है। उन्होंने कहा कि ‘आप’ ने इसके लिए जो रणनीति बनाई है उसमें ग्रामीण क्षेत्र और सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है। उसके आधार पर पार्टी का दावा है कि उसे लोकसभा चुनावों में कामयाबी मिलेगी। गोपाल राय ने कहा कि पश्चिमोत्तर दिल्ली सीट के प्रभारी गगन सिंह होंगे। इस समय वे संपर्क कार्यक्रम के तहत क्षेत्र में व्यस्त हैं।

बता दें कि इस बार ‘आप’ पिछली गलतियों से सबक लेकर लोकसभा चुनाव के लिए तैयारी में जुटी है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में दिल्ली की सभी सात सीटों से पार्टी ने प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन एक भी नहीं जीत पाया। इस बार ‘आप’ दिल्ली सरकार की उपलब्धियां गिनाकर भाजपा और कांग्रेस से मुकाबले की तैयारी में है।

विपक्ष का फॉर्मूला
इस साल कर्नाटक में जनता दल (एस) और कांग्रेस की गठबंधन सरकार बनने के बाद सियासी हलकों में यह सुगबुगाहट सुनाई देने लगी थी कि विपक्ष भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए आगामी लोकसभा चुनावों में यह फॉर्मूला आजमा सकता है। भाजपा और मोदी के प्रति ‘आप’ के रुख को देखते हुए माना जा रहा था कि वह भी ऐसे महागठबंधन का हिस्सा बनेगी, लेकिन अब पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि उसकी नीति ‘एकला चलो रे’ की होगी।

इसी साल अगस्त में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी संकेत दे दिए थे कि ‘आप’ आगामी लोकसभा चुनावों में विपक्ष के महागठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगी। माना जा रहा है कि केजरीवाल ‘आप’ को किसी भी बड़ी पार्टी के प्रभाव से दूर रखकर मजबूत करना चाहते हैं। अभी पार्टी पंजाब, हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों में आधार तलाश रही है। ‘आप’ कांग्रेस और भाजपा से अलग विकल्प बनने की कोशिश कर रही है।

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