ममता पर मीम मामला: जेल से रिहा हुईं प्रियंका शर्मा के तीखे तेवर, कहा- केस लड़ूंगी, नहीं मांगूंगी माफी

ममता पर मीम मामला: जेल से रिहा हुईं प्रियंका शर्मा के तीखे तेवर, कहा- केस लड़ूंगी, नहीं मांगूंगी माफी

प्रियंका शर्मा

कोलकाता/दक्षिण भारत। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का मीम सोशल मीडिया में शेयर करने के आरोप में जेल भेजे जाने के बाद रिहा हुईं भाजपा कार्यकर्ता प्रियंका शर्मा ने तीखे तेवर अपनाए हैं। यूथ​ विंग की संयोजक के रिहाई के लिए मंगलवार को ही उच्चतम न्यायालय ने आदेश दे दिए थे। जेल से बाहर आने के बाद प्रियंका शर्मा ने कहा है कि वे माफी नहीं मांगेंगी और केस लड़ेंगी।

Dakshin Bharat at Google News
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय से जमानत कल ही मंजूर हो गई थी। इसक बाद रिहा करने में 18 घंटे की देरी की गई। प्रियंका शर्मा ने आरोप लगाया कि उन्हें उनके वकील और परिजनों से नहीं मिलने दिया। साथ ही माफीनामे पर जबरदस्ती हस्ताक्षर करवाए गए। प्रियंका शर्मा ने कहा कि मैं इस केस को लड़ूंगी और मैंने ऐसा कुछ नहीं किया है, जिसके लिए मुझे माफी मांगनी पड़े। इसलिए मैं माफी नहीं मांगूंगी।

सोशल मीडिया में कथित रूप से शेयर किए गए मीम के बारे में उन्होंने बताया, उसे काफी लोगों ने शेयर किया है, तो सिर्फ मुझे ही निशाना क्यों बनाया गया? उन्होंने कहा कि मामले में उन्हें इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि वे भाजपा से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के एक नेता पर फंसाने का आरोप लगाया।

प्रियंका शर्मा ने आरोप लगाया कि उन्हें जेल में प्रताड़ित किया गया। जेल के स्टाफ का बर्ताव उनके प्रति बहुत कठोर था। उन्होंने भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया, विशेष रूप से पूनम महाजन और ओमप्रकाश सिंह द्वारा की गई मदद के लिए आभार व्यक्त किया।

प्रियंका शर्मा ने आरोप लगाया कि प. बंगाल में भाजपा नेताओं के साथ मारपीट की जा रही है। उन्हें धमकाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आजकल लोग इतना कुछ कर रहे हैं, लेकिन उन्हें सजा नहीं होती, जबकि उन्हें सिर्फ सोशल मीडिया पोस्ट के लिए जेल में बंद कर दिया गया।

बता दें कि प्रियंका शर्मा की रिहाई के लिए उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को ही आदेश ​दे दिया था, लेकिन उन्हें बुधवार सुबह रिहा किया गया। इसके लिए न्यायालय प. बंगाल की तृणमूल सरकार को फटकार भी लगा चुका है। हालांकि तृणमूल का तर्क है कि अलीपुर जेल को न्यायालय का लिखित आदेश मिलने में देर हुई, इसलिए समय लगा।

पश्चिम बंगाल सरकार के अधिवक्ता ने न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की एक अवकाश कालीन पीठ को बताया कि प्रियंका शर्मा को बुधवार सुबह 9.40 बजे रिहा किया गया। इस पर पीठ ने कहा, यह उचित नहीं है। पहली बात तो है कि यह गिरफ्तारी प्रथमदृष्टया मनमानी कार्रवाई थी। पीठ ने चेतावनी दी कि यदि प्रियंका शर्मा को जेल से तत्काल रिहा नहीं किया गया तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download