दंगाइयों को पाताल से भी खोज निकालेंगे और सजा दिलाएंगे: शाह

दंगाइयों को पाताल से भी खोज निकालेंगे और सजा दिलाएंगे: शाह

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। दिल्ली हिंसा पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मैं सदन को और सदन के माध्यम से देश को विश्वास दिलाता हूं कि दंगो के लिए जिम्मेदार लोग और दंगों का षड्यंत्र करने वाले लोग, चाहे वे किसी भी जाति, मजहब या पार्टी के हो, उन्हें किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाएगा।

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शाह ने कहा कि दंगों के उपरांत अब तक 700 एफआईआर दर्ज की गई हैं और जिसने भी एफआईआर दर्ज करवाई है, उसे रजिस्टर करने से पुलिस ने कहीं भी ना नहीं की है। दिल्ली में कई सारी घटनाओं में से निजी हथियार चलने की भी घटना आई है। ऐसे 49 मामले दर्ज किए गए हैं और 52 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दंगों में जो हथियार इस्तेमाल हुए थे, उनमें से लगभग सवा सौ हथियार जब्त कर लिए गए हैं।

शाह ने कहा कि 25 फरवरी की सुबह से ही दिल्ली के हर थाने में शांति समितियों की बैठक बुलाना शुरू कर दी गई थी। 26 फरवरी तक 321 अमन समितियों की बैठक बुलाकर हमने सभी संप्रदाय के धर्म गुरुओं से, दंगे न फैलें इसके लिए उनसे अपने प्रभाव का प्रयोग करने की विनती की थी।

शाह ने कहा कि जिनकी पहचान हो चुकी है, उनकी सारी डिटेल हमारे पास उपलब्ध हो चुकी है। ऐसे लोगों को पकड़ने के लिए 40 से अधिक विशेष दलों का गठन किया है जो रात-दिन गिरफ्तार करने का काम कर रहे हैं। कुछ सोशल मीडिया अकाउंट ऐसे थे, जो दंगों से दो दिन पहले शुरू हुए थे और 25 फरवरी की रात 12 बजे से पहले ही बंद हो गए और उन पर केवल दंगा, नफरत और घृणा फ़ैलाने का काम किया गया है। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि अगर वो सोचते हैं कि हम बच गए, तो वो गलत हैं, हम उन्हें पाताल से भी खोजकर निकालेंगे और सजा दिलाएंगे।

शाह ने कहा कि बहुत दुख के साथ मैं कहना चाहता हूं कि पूरे देश में सीएए को लेकर मुसलमान भाइयों-बहनों के मन में एक भय बैठाया गया कि आपकी नागरिकता इससे छीन ली जाएगी। ये गलत अफवाहें फैलाई जा रही हैं, सीएए नागरिकता लेने का कानून है ही नहीं, ये नागरिकता देने का कानून है।

शाह ने कहा कि मैं स्पष्टता के साथ कहता हूं कि एनपीआर में कोई डॉक्यूमेंट नहीं मांगा जाएगा। जो जानकारी आपके पास नहीं हैं, वो देने की जरूरत नहीं है। इस देश में किसी को भी एनपीआर की प्रक्रिया से डरने की जरूरत नहीं है। कांग्रेस के समय में दंगे हुए, इन्होंने दंगों को शांत करने का प्रयास किया होगा और हम भी दंगों को शांत करेंगे। परन्तु इसको मेरी पार्टी और विचारधारा पर मढ़ने का प्रयास निंदनीय है, जब हकीकत उल्टी है कि कांग्रेस के शासन में 76% लोग दंगों में मारे गए हैं।

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