अंबिकापुर (छत्तीसग़ढ)/भाषाकेंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि नक्सलवाद एक चुनौती था लेकिन अब ये खतरा कम हो रहा है और देश में इनका आधार सिकु़ड रहा है। गृह मंत्री यहां केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की ‘बस्तरिया’’ बटालियन की पासिंग आउट परेड का निरीक्षण कर रहे थे। इस बटालियन को आज सीआरपीएफ में शामिल किया गया और इसमें राज्य के नक्सल प्रभावित जिलों से आए जवान शामिल हैं। इस बटालियन को बस्तरिया नाम दिया गया क्योंकि इसके सदस्य द क्षिणी छत्तीसग़ढ के बस्तर क्षेत्र से आते हैं। इस इलाके की सीमा प़डोसी आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तेलंगाना से लगती है। नक्सली गतिविधियों पर लगाम लगाने में सीआरपीएफ और छत्तीसग़ढ पुलिस की भूमिका की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि माओवादियों के हमलों में हताहत होने वाले जवानों की संख्या में भी कमी आई है। सिंह ने कहा कि जवानों की जिंदगी की भरपाई मुआवजे से नहीं हो सकती लेकिन उनके प्रति सरकार की कृतज्ञता के प्रतीक के तौर पर यह तय किया गया है कि शहीदों के परिजनों को एक करो़ड रूपये से कम नहीं मिलेगा। गृह मंत्री ने कहा, नक्सलवाद और चरमपंथ एक चुनौती है लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि यह खतरा अब कम हो रहा है और इसका आधार सिकु़ड रहा है। इस विशेष बटालियन के गठन का फैसला किसी भी परिस्थिति का सामना करने के आदिवासी लोगों के साहस और पराक्रम को देखते हुये लिया गया।