जब्त की गई एसयूवी में सवारी पुलिसकर्मियों को पड़ी भारी, 3 घंटे तक अंदर फंसे रहे
जब्त की गई एसयूवी में सवारी पुलिसकर्मियों को पड़ी भारी, 3 घंटे तक अंदर फंसे रहे
वाहनमालिक ने जीपीएस तकनीक का इस्तेमाल कर लगा दिया था लॉक
लखनऊ/दक्षिण भारत। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में जब्त की गई एसयूवी में सवारी करना बुधवार को तीन पुलिसकर्मियों को भारी पड़ गया। दरअसल, वाहन के मालिक ने गाड़ी को ट्रैक करने के लिए ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) का इस्तेमाल किया और उसे लॉक कर दिया।
इस वजह से ये पुलिसकर्मी तीन घंटे से अधिक समय तक वाहन के अंदर फंसे रहे। वाहन के मालिक को जब यह पता चला कि उसकी कार प्रदेश की राजधानी से करीब 143 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लखीमपुर खीरी जिले के नई बस्ती गांव में है, तो उसने तकनीक का इस्तेमाल कर पुलिसकर्मियों के लिए मुश्किल हालात पैदा कर दिए।इन पुलिसकर्मियों में लखनऊ के गोमतीनगर पुलिस स्टेशन में तैनात एक सब-इंस्पेक्टर और दो कांस्टेबल हैं। ये बुधवार को लखीमपुर खीरी जिले में गए थे। इसके लिए वे 2018 मॉडल की एसयूवी में सवार हुए, जिसे दो पक्षों के बीच झगड़े के बाद मंगलवार रात को जब्त कर लिया गया था।
पुलिसकर्मियों द्वारा गाड़ी के इस्तेमाल की घटना का पता चलने के बाद वाहनमालिक ने लखनऊ पुलिस के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उसकी ओर से यह आरोप लगाया गया है कि वाहन का दुरुपयोग किया गया है।
इस संबंध में लखनऊ के पुलिस आयुक्त सुजीत पांडेय के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि गोमतीनगर एसएचओ को जांच के लिए घटनास्थल पर भेजा गया है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
वाहन विशेषज्ञों का कहना है कि जीपीएस-आधारित लॉकिंग सिस्टम गाड़ी की सुरक्षा को मजबूत करता है। अगर किसी स्थिति में वाहनमालिक यह महसूस करता है कि उसकी गाड़ी सुरक्षित हाथों में नहीं है तो वह माइक्रो कंट्रोलर को संदेश भेजकर इंजन बंद कर सकता है। यही नहीं, इस तकनीक के जरिए वह वाहन के दरवाजे, खिड़कियां भी बंद कर सकता है।
इस तरह उसके हाथों में अपने वाहन को बचाने के मजबूत विकल्प होते हैं। इस स्थिति में गाड़ी तभी दोबारा स्टार्ट हो सकती है जब वाहन मालिक माइक्रो कंट्रोलर को पासवर्ड भेजता है। यही तकनीक पुलिसकर्मियों पर भारी पड़ गई।