जानिए: कुछ साल में ही टीवी, कैमरा और अलार्म घड़ियों को कैसे खा गया स्मार्टफोन!

जानिए: कुछ साल में ही टीवी, कैमरा और अलार्म घड़ियों को कैसे खा गया स्मार्टफोन!

प्रतीकात्मक चित्र

नई दिल्ली/भाषा। बदलती प्रौद्योगिकी के दौर में स्मार्टफोन लोगों की दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा बनता जा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, मोबाइल डेटा की आसान उपलब्धता और सस्ती दरों के कारण स्मार्टफोन पर लोगों की निर्भरता लगातार बढ़ रही है। बड़े शहरों में स्मार्टफोन ही अब मनोरंजन के प्राथमिक स्रोत बन गए हैं।

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साइबर सुरक्षा संबंधी सेवाएं देने वाली कंपनी नॉर्टन लाइफलॉक इंक की इंडिया डिजिटल वेलनेस रिपोर्ट के दूसरे संस्करण के अनुसार, टिअर-1 शहरों में करीब 91 प्रतिशत लोग मानते हैं कि स्मार्टफोन ने टेलीविजन की जगह ले ली है। इसके अलावा स्मार्टफोन ने 87 प्रतिशत लोगों के अनुसार कैमरे की, 80 प्रतिशत लोगों के अनुसार अलार्म घड़ी की और 72 प्रतिशत लोगों के अनुसार संगीत उपकरणों की जगह ले ली है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि मोबाइल फोन खो जाने या छूट जाने की स्थिति में पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक घबरा जाती हैं। सर्वेक्षण में शामिल 73 प्रतिशत महिलाओं ने और 64 प्रतिशत पुरुषों ने माना कि यदि वे घर पर ही स्मार्टफोन भूलकर बाहर निकल जाते हैं, तो वे घबरा जाते हैं। सर्वेक्षण में शामिल 72 प्रतिशत महिलाओं और 60 प्रतिशत पुरुषों का कहना है कि वे स्मार्टफोन के बिना नहीं रह सकते हैं।

नॉर्टन लाइफलॉक के निदेशक (भारत) रितेश चोपड़ा ने कहा, स्मार्टफोन और डेटा के सस्ते होते जाने से हम अपने जीवन की कई चीजों का विकल्प ऑनलाइन तलाशने लग गए हैं। हालांकि उपभोक्ताओं को स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते समय इस बात को लेकर सजग भी रहना चाहिए कि उनकी जानकारियों का दुरुपयोग किया जा सकता है।

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