गरीबों के लिए घर बनवाना ही नहीं चाहती थी उप्र की पिछली सरकार: मोदी

गरीबों के लिए घर बनवाना ही नहीं चाहती थी उप्र की पिछली सरकार: मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने घरों के डिजाइन से लेकर घरों के निर्माण तक की पूरी आजादी लाभार्थियों को सौंप दी है


लखनऊ/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लखनऊ में 'न्यू अर्बन इंडिया थीम' पर आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन-सह-एक्सपो में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के 75,000 लाभार्थियों को डिजिटल माध्यम से आवास सौंपे। उन्होंने अपने संबोधन में उप्र की पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों के लिए घर बनवाना ही नहीं चाहती थी।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे वह दिन भी याद आते हैं जब तमाम प्रयासों के बावजूद उत्तर प्रदेश घरों के निर्माण के मामले में आगे नहीं बढ़ रहा था। गरीबों के लिए घर बनाने का पैसा केंद्र सरकार दे रही थी, इसके बावजूद 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में जो सरकार थी वह गरीबों के लिए घर बनवाना ही नहीं चाहती थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 के बाद हमारी सरकार ने घरों के साइज को लेकर भी स्पष्ट नीति बनाई। हमने यह तय किया कि 22 स्क्वायर मीटर से छोटा कोई घर नहीं बनेगा। हमने घर का साइज बढ़ाने के साथ ही पैसा सीधे लाभार्थियों के खाते में भेजना शुरू किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने घरों के डिजाइन से लेकर घरों के निर्माण तक की पूरी आजादी लाभार्थियों को सौंप दी है। शहरी मिडिल क्लास की परेशानियों और चुनौतियों को भी दूर करने का हमारी सरकार ने बहुत गंभीर प्रयास किया है। रेरा कानून ऐसा एक बड़ा कदम रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार दीपावली में अयोध्या में 7.50 लाख दीये जलाने का कार्यक्रम है। मैं उत्तर प्रदेश को कहता हूं कि रोशनी के लिए स्पर्धा में मैदान में आएं। देखें अयोध्या ज्यादा दीये जलाता है कि ये जो 9 लाख घर दिए गए हैं, वो 9 लाख घर 18 लाख दीये जलाकर दिखाते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एलईडी स्ट्रीट लाइट लगने से शहरी निकायों के भी हर साल करीब 1 हजार करोड़ रुपए बच रहे हैं। अब यह राशि विकास के दूसरे कार्यों में उपयोग में लाई जा रही है। एलईडी ने शहर में रहने वाले लोगों का बिजली बिल भी बहुत कम किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में पिछले छह-सात वर्षों में शहरी क्षेत्र में बहुत बड़ा परिवर्तन टेक्नोलॉजी से आया है। देश के 70 से ज्यादा शहरों में आज जो इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर चल रहे हैं, उसका आधार टेक्नोलॉजी ही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम स्वनिधि योजना के तहत रेहड़ी-पटरी वालों को, स्ट्रीट वेंडर्स को बैंकों से जोड़ा जा रहा है। इस योजना के माध्यम से 25 लाख से ज्यादा साथियों को 2,500 करोड़ रुपए से अधिक की मदद दी गई है। उप्र के 7 लाख से ज्यादा साथियों ने स्वनिधि योजना का लाभ लिया है।
 

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