आईआईटी-मद्रास ने स्वदेशी तौर पर डिजाइन की गई ‘स्टैंडिंग व्हीलचेयर’ लॉन्च की
आईआईटी-मद्रास ने स्वदेशी तौर पर डिजाइन की गई ‘स्टैंडिंग व्हीलचेयर’ लॉन्च की
चेन्नई/दक्षिण भारत। आईआईटी-मद्रास ने फीनिक्स मेडिकल सिस्टम्स (पीएमएस) के सहयोग से एक किफायती, आरामदेह और स्वदेशी ’स्टैंडिंग व्हीलचेयर’ डिजाइन की है। यह व्हीलचेयर उन दिव्यांगों के लिए खासतौर पर काफी लाभदायक होगी जिन्हें खड़े होने और बैठने की स्थिति के दौरान काफी तकलीफ होती है। पीएमएस के वी. शशि कुमार ने बताया कि स्टैंडिंग व्हीलचेयर ’अराइज़’ की कीमत 15,000 रुपए है। उन्होंने बताया कि अराइज़ के चार आकार हैं: छोटे, मध्यम, बड़े और अतिरिक्त-बड़े। ये उपयोगकर्ताओं के शरीर के प्रकार के मुताबिक आसानी से अनुकूलित किए जा सकते हैं।
इस व्हीलचेयर को केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत, आईआईटी-एम के शिक्षकों, शोधकर्ताओं, छात्रों और कर्मचारियों की मौजूदगी में लॉन्च किया गया। इस अवसर पर गहलोत ने कहा, पिछले पांच वर्षों में मैंने बहुत सारी आधुनिक तकनीकों को देखा है, लेकिन इतनी अच्छी स्टैंडिंग व्हीलचेयर कहीं नहीं देखी। मैं बहुत खुश एवं प्रभावित हूं और व्हीलचेयर के लिए आईआईटी-एम और उसके सहयोगियों को बधाई देता हूं, जो लागत प्रभावी होने के अलावा बहुउद्देशीय है।
इसे टीटीके सेंटर फॉर रिहैबिलिटेशन रिसर्च द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया। डिवाइस डेवलपमेंट (आर2डी2) आईआईटी-एम में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग की सुजाता श्रीनिवासन की अध्यक्षता में हुआ। पारंपरिक व्हीलचेयर के उपयोगकर्ताओं को इससे जुड़ीं कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। व्हीलचेयर पर लंबे समय तक बैठे रहने से स्वास्थ्य संबंधी दूसरी समस्याएं पैदा हो सकती हैं्। अब उपयोगकर्ता स्टैंडिंग व्हीलचेयर का इस्तेमाल करते हुए, जिस स्थिति में बैठे हैं उससे खुद ही खड़े हो सकते हैं। सुजाता श्रीनिवासन ने बताया कि रीढ़ की हड्डी में चोट वाले लोगों के लिए भी यह बहुत प्रभावी है। उन्होंने बताया, हमने इसमें सुरक्षा के पहलू को प्राथमिकता के रूप में रखा है।