किसानों की कर्ज माफी का मुद्दा कांग्रेस के लिए गले की फांस!

किसानों की कर्ज माफी का मुद्दा कांग्रेस के लिए गले की फांस!

बेंगलूरु। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष बीएस येड्डीयुरप्पा इन दिनों राज्य में भाजपा की छवि चमकाने और आगामी विधानसभा चुनाव में राज्य की सत्ता पर भाजपा की वापसी के लिए प्रयासरत हैं। येड्डीयुरप्पा ने राज्य के किसानों द्वारा लिए गए कर्ज को माफ करने की मांग के साथ अभियान छे़ड रखा है और लगातार इस मुद्दे को उठा रहे हैं। यह येड्डीयुरप्पा द्वारा छे़डी गई मुहीम का ही नतीजा है कि मुख्यमंत्री सिद्दरामैया को इस मुद्दे पर अपना मुंह खोलने पर बाध्य होना प़डा। इससे ऐसा लगता है कि किसानों के ऋण वाले मामले में येड्डीयुरप्पा के दबाव के आगे मुख्यमंत्री को अपनी रणनीति बदलनी प़डी है। तीन दिन पहले मैूसरु में एक रैली को संबोधित करते हुए सिद्दरामैया को कहना प़डा कि वह जल्द ही किसानों द्वारा लिए गए कृषि ऋण को माफ करने के बारे में निर्णय ले सकते हैं। कई राजनीतिक विशेषज्ञों का यह मानना है कि सिद्दरामैया द्वारा यह बात लगातार इस मुद्दे पर येड्डीयुरप्पा के आवाज उठाने के कारण कही गई है। येड्डीयुरप्पा ने इस बात की चेतावनी भी दी थी कि अगर सरकार किसानों के कृषि ऋण को माफ करने में विफल रहती है तो वह बेंगलूरु में पांच लाख किसानों के साथ विरोध प्रदर्शन करेंगे।ज्द्म फ्ैंझ्·र्श्चैं ृ्यद्नद्भय्द्म घ्ध्य् द्यब्ष्ठ ब्स्र द्भष्ठरर्‍द्भरुद्य्रझ्य्मौजूदा समय में येड्डीयुरप्पा अपने जन संपर्क अभियान के तहत राज्य के विभिन्न हिस्सों का स़डक मार्ग से दौरा कर रहे हैं और अपनी इस यात्रा के दौरान वह समय-समय पर किसानों के कृषि ऋण को माफी देने के मुद्दे को आक्रामकता के साथ उठा रहे हैं। इस विषय पर उन्हें स्थानीय लोगों की ओर से अच्छी प्रतिक्रिया भी मिली है। अगर मुख्यमंत्री किसानों के कृषि ऋण को माफ कर देते हैं तो येड्डीयुरप्पा यह दावा कर सकेंगे कि उनके द्वारा किसानों को कर्ज के भार से बाहर निकालने और राहत दिलाने के लिए सरकार पर बनाए गए दबाव के कारण ऐसा हो सका। कृषि ऋण माफ करने की मांग के कारण किसानों में येड्डीयुरप्पा की छवि में निखार आया है और निकट भविष्य में यह और भी अच्छी होने की उम्मीद है। येड्डीयुरप्पा राज्य के उन अग्रणी नेताओं में से एक हैं जिन्होंने बेंगलूरू में बेंगलूरु विकास प्राधिकरण(बीडीए) द्वारा बनाए जा रहे स्टील फ्लाईओवर का विरोध किया था और अब कृषि ऋण को माफ करने का मुद्दा किसानों को उनके पक्ष में झुका सकता है।द्नय्ज्झ्य् झ्ब्ध्ष्ठ ख्रह् द्धय्द्य ·र्ैंद्य घ्रु·र्ैंर्‍ ब्स् ्य·र्ैंफ्य्द्मह्र ·र्ैंय् ·र्ैंज्श्च द्बय्र्ड्डैंउल्लेखनीय है कि भाजपा ने इससे पहले दो-दो बार किसानों का कर्ज माफ किया है। पहली बार भाजपा ने किसानों का कर्ज वर्ष २००७ में उस समय माफ किया था जब येड्डीयुरप्पा राज्य के उप मुख्यमंत्री थे और दूसरी बार वर्ष २०११ में उस समय किसानों का कर्ज माफ किया गया था जब जगदीश शेट्टर राज्य के मुख्यमंत्री थे। मौजूदा समय में कर्नाटक पिछले ४० वर्षों के सबसे ब़डे सूखे का सामना कर रहा है और आर्थिक समस्याओं के कारण काफी संख्या में किसान आत्महत्या कर रहे हैं। कर्ज माफ होने से गरीब किसानों को अपने संघर्षों को पार करने में राहत मिलेगी। किसानों को राहत दिलाने के लिए सिद्दरामैया केन्द्र सरकार से राहत देने की मांग कर रहे हैं। सिद्दरामैया का कहना है कि किसानों द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के तहत संचालित होने वाले बैंकों से लिए गए कर्ज को माफ किया जाना चाहिए। वे कहते हैं कि अगर केन्द्र सरकार किसानों का कर्ज माफ किए जाने की स्थिति में उस पर प़डने वाले बोझ को आधा सहने के लिए तैयार होती है तो राज्य सरकार इसका आधा बोझ उठाने को तैयार है। द्नय्ज्झ्य् ·र्ैंह् ंफ् द्बरुसष्ठ ·र्ैंय् ्यद्बध्ष्ठख्य् ध्य्द्नगौरतलब है कि येड्डीयुरप्पा ने प्रारंभ से ही यह बात प्रमुखता से उठाई है कि राज्य सरकार को अपने अधीन आने वाले सहकारी बैंकों और सोसाइटियों से किसानों द्वारा लिए गए कर्ज को माफ करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा है कि जब भाजपा ने वर्ष २००७ और वर्ष २०११ में किसानों का कर्ज माफ किया था तो इसने केन्द्र सरकार पर उंगली उठाने या किसे क्या करना चाहिए इसमें समय व्यर्थ करने के बजाय गरीब किसानों को राज्य की अपनी क्षमता के अनुसार राहत दी थी। भाजपा ने राज्य बजट के लगभग ८ प्रतिशत तक कर्ज माफ किया था जबकि राज्य की कांग्रेस सरकार अपने निर्णय में विलंब कर रही है और यह स्थिति तब है जब किसानों द्वारा लिया गया कर्ज राज्य बजट का मात्र २.६ प्रतिशत तक ही है।येड्डीयुरप्पा ने कांग्रेस पर राज्य में एक किसान विरोधी सरकार चलाने का भी आरोप लगाया है। येड्डीयुरप्पा ने कहा है कि अगर सिद्दरामैया किसानों का कर्ज माफ करने में विफल होते हैं तो वह वर्ष २०१८ में राज्य की सत्ता में वापसी नहीं कर पाएंगे। वे किसानों से यह भी कहते हैं कि अगर उन्होंने भाजपा को जिताया तो सत्ता में आते ही महज २४ घंटों के अंदर किसानों का कर्ज माफ कर देंगे। वे यह उदाहरण देते हैं कि हाल ही में उत्तरप्रदेश में शानदार जीत हासिल करने के बाद भाजपा ने किसानों का ३६,३५९ करो़ड रुपए का कर्ज माफ किया है और यह सुनिश्चित किया है कि किसानों को वह राहत मिले जिसके वह हकदार हैं। किसानों का कर्ज माफ करने से मौजूदा समय में चुनाव नजदीक होने के कारण भाजपा और येड्डीयुरप्पा को फायदा होगा और यदि इसमें और अधिक देरी होती है तो यह मुद्दा कांग्रेस की जीत की संभावनाओं को धूमिल कर सकता है।

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