सुषमा स्वराज का कर्नाटक से रहा है गहरा जुड़ाव
सुषमा स्वराज का कर्नाटक से रहा है गहरा जुड़ाव
साल 1999 .. जब सोनिया ने जीता चुनाव और सुषमा ने दिल
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। पूर्व विदेश मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज का कर्नाटक से गहरा जुड़ाव था। यह साल 1999 में शुरू हुआ जब उन्होंने सोनिया गांधी के खिलाफ बल्लारी से लोकसभा चुनाव लड़ा। सोनिया अपना चुनावी आगाज कर रही थीं, लेकिन उत्तरी कर्नाटक के इस खनिज संपन्न जिले में मुकाबला बहुत कड़ा था। यह चुनावी जंग ‘देश की बेटी’ बनाम ‘विदेशी बहू’ के तौर पर देखी जा रही थी।
हालांकि वह चुनाव सोनिया ने करीब 56,000 मतों के अंतर से जीता। उन्होंने उत्तर प्रदेश के अमेठी से भी पर्चा भरा था। वहीं, सुषमा ने बल्लारी और कर्नाटक के लोगों का दिल जीत लिया। बल्लारी में सुषमा के चुनाव अभियान ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया, जिन्होंने मात्र एक महीने में कन्नड़ भाषा पर अच्छी पकड़ बना ली और वे स्थानीय लोगों से इसी में धारा प्रवाह बात करने लगीं।सुषमा की भाषण शैली और स्थानीय लोगों के साथ जुड़ाव ने सबको बहुत प्रभावित किया। वे क्षेत्र से इस कदर जुड़ गईं कि हर साल वरमहालक्ष्मी उत्सव मनाने के लिए आतीं। बता दें कि 1952 में पहले आम चुनाव के बाद से ही बल्लारी कांग्रेस का गढ़ था, लेकिन 1999 के चुनाव में यह काफी कड़ा और करीबी मुकाबला रहा। बाद में सोनिया ने भले ही बल्लारी सीट छोड़ दी, लेकिन सुषमा के साथ उनका मुकाबला भारतीय इतिहास की सबसे यादगार चुनावी लड़ाई में से एक बन गया।
सोनिया और सुषमा दोनों का नामांकन नाटकीय और काफी सस्पेंस से भरा था। सुषमा स्वराज के नाम का प्रस्ताव रामकृष्ण हेगड़े ने रखा था। जब उन्होंने नामांकन दाखिल किया तो एचएन अनंत कुमार और वर्तमान उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू उनके साथ थे। सुषमा के चुनाव प्रचार अभियान ने एक बड़े बदलाव की नींव रखी क्योंकि भाजपा ने 2004 में कांग्रेस का यह किला फतह कर लिया।
इन्होंने दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्पा, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दरामैया और एचडी कुमारस्वामी, कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार और केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा सहित अनेक नेता और कार्यकर्ताओं ने सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि दी है।