केरल में कोरोना के 5 मामले सामने आने के बाद देशभर में इससे निपटने की गतिविधियां तेज

केरल में कोरोना के 5 मामले सामने आने के बाद देशभर में इससे निपटने की गतिविधियां तेज

तिरुवनंतपुरम/नई दिल्ली/भाषा। केरल में कोरोना वायरस से संक्रमण के पांच नये मामले सामने आने के बाद भारत में इससे संक्रमित लोगों की संख्या रविवार को 39 हो गई। पिछले महीने इटली से आए केरल के एक दंपति और उसके बेटे और और उनके दो रिश्तेदारों को जांच में कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया। केरल में प्रशासन ने अपनी यात्रा और संक्रमण की जानकारी छिपाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है, जिन पर मुकदमा भी चलाया जा सकता है।

इस बीच, कोरोना वायरस के मद्देनजर 31 मार्च तक क्रूज जहाजों को प्रवेश न देने के केंद्र सरकार के निर्देश के बाद शनिवार को पनामा ध्वज वाले ‘एमएससी लिरिका’ नामक एक क्रूज को न्यू मंगलोर बंदरगाह से वापस कर दिया गया।सिक्किम के बाद, अरुणाचल प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए विदेशियों को जारी किए जाने वाले प्रोटेक्टेड एरिया परमिट (पीएपी) को अस्थायी तौर पर निलंबित करने का फैसला किया है।

दिल्ली सरकार केंद्र से आग्रह करेगी कि उन देशों की यात्रा पर प्रतिबंध लगाए जहां कोरोना वायरस के काफी संख्या में मामले सामने आए हैं। केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने कहा कि ये मामले सामने आने के बाद राज्य में अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। राज्य को हाई अलर्ट पर रखा गया है। लगभग एक सप्ताह पहले इटली से लौटे दंपत्ति और उसका बेटा हवाई अड्डे पर स्वास्थ्य जांच से बच निकले थे।

इससे पहले भी राज्य में तीन लोग वायरस से संक्रमित पाए गए थे। कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित चीन के वुहान से मेडिकल की पढ़ाई कर रहे उन तीनों छात्रों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। मंत्री ने कहा कि 29 फरवरी को वेनिस-दोहा कतर एयरलाइंस की उड़ान संख्या क्यूआर 126 और दोहा से कोच्चि आने वाली कतर एयरलाइंस की उड़ान संख्या क्यूआर 514 में संक्रमित परिवार के साथ यात्रा करने वाले सभी यात्रियों को स्वास्थ्य अधिकारियों के संपर्क में होना चाहिए। क्यूआर 514 एक मार्च को सुबह 8.20 बजे कोच्चि पहुंची थी।

एयरलाइंस ने एक बयान में कहा कि वह इस संबंध में भारतीय स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ काम कर रही है। कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड के एक बयान में कहा गया है कि 29 फरवरी को विमान से हवाई अड्डा पर उतरे सभी यात्रियों और उनके संपर्क में आये लोगों और कर्मचारियों के बारे में पता लगाने के लिए एक अभियान शुरू किया गया है।

राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि अधिकारियों को अपनी यात्रा और बीमारी के लक्षणों के बारे में सूचित न करना अपराध माना जाएगा, जबकि राज्य पुलिस ने भी कहा कि अगर कोई भी इस तरह की जानकारी छिपाता है तो वह ‘अवैध और दंडनीय’ है। एक पुलिस विज्ञप्ति में कहा गया, ‘उनके खिलाफ मुकदमा सहित सख्त कार्रवाई शुरू की जाएगी। इस संबंध में विभिन्न सरकारी एजेंसियों के निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए।’

केरल सरकार ने सोमवार को आयोजित होने वाले महिलाओं के सबसे बड़े धार्मिक समागम ‘अट्टुकल पोंगल’ को जारी रखने का निर्णय किया है लेकिन राज्य में कोरोना वायरस के पांच नए मामले सामने आने के बाद इसको लेकर नये दिशानिर्देश जारी किए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा कि प्रसिद्ध त्योहार के लिए महीनों से तैयारियां चल रही हैं, इसलिए निर्णय किया गया है कि इसे जारी रखा जाए।

स्वास्थ्य अधिकारियों ने कड़े निर्देश जारी किए हैं कि जिन लोगों में सर्दी, बुखार या वायरस का कोई लक्षण दिख रहा है उन्हें केवल अपने घर के बाहर ही ‘पोंगल’’ बनाना चाहिए और भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचना चाहिए। मंत्री ने कहा कि लगभग एक सप्ताह पहले इटली से लौटे दंपति और उनका बेटा हवाई अड्डे पर स्वास्थ्य जांच से बच निकले थे। सभी पांचों लोग पथनमथिट्टा जिले के रन्नी के निवासी हैं।

मंत्री ने कहा, ‘फिलहाल उनकी हालत स्थिर है, लेकिन अतिरिक्त देखभाल की जरूरत है।’ मंत्री ने कहा कि करीब 50 वर्षीय दंपति ने अपने 24 वर्षीय बेटे के साथ 29 फरवरी को इटली से भारत के लिये उड़ान भरी थी जबकि दो अन्य लोग उनके संबंधी हैं। वेनिस से लौटे तीन लोगों ने अधिकारियों को सूचित नहीं किया था कि वे इटली की यात्रा करके आए हैं।

उन्होंने कहा कि एहतियाती तौर पर, परिवार के 90 वर्षीय दो सदस्यों को कोट्टायम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्थानांतरित किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि जब उनके दोनों संबंधी वायरस के लक्षणों के साथ अस्पताल गए तो स्वास्थ्य अधिकारियों को इटली से लौटने वाले लोगों की जानकारी मिली। मंत्री ने कहा कि वे हवाईअड्डे पर जांच से बच निकले थे और शुरुआत में अस्पताल में भर्ती नहीं होना चाहते थे।

उन्होंने कहा कि जब उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ सहयोग करने से इनकार कर दिया तो उन्हें जबरदस्ती पथनमथिट्टा जनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्हें पृथक एवं निगरानी में रखा गया है। मंत्री ने बताया कि उन्हें छह मार्च को अस्पताल में भर्ती कराया गया और शनिवार रात उनके वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई।

शैलजा ने कहा, ‘इटली से लौटे परिवार ने अपनी यात्रा की जानकारी को स्वास्थ्य अधिकारियों से छिपाया। ऐसी कृत्यों को अपराध माना जाएगा। जो लोग ईरान, इटली, दक्षिण कोरिया और चीन जैसे देशों से आए हैं, उन्हें तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचित करना चाहिए।’ भारत में कोविड-19 मामलों की संख्या बढ़कर 39 हो गई है, जो पिछले मंगलवार तक सिर्फ छह थी। इनमें 16 इतालवी पर्यटक शामिल हैं। इनमें केरल के वे तीन मरीज भी शामिल हैं, जिन्हें पिछले महीने ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

मंत्री ने कहा कि वायरस के किसी भी लक्षण वाले व्यक्ति को अट्टुकल मंदिर परिसर में आयोजित होने वाले समागम से दूर रखना चाहिए। मंदिर के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि बुखार या किसी अन्य लक्षण वाले लोग उत्सव में भाग न लें। मंत्री ने कहा कि मंदिर परिसर के पास चिकित्सा स्टाल और एम्बुलेंस तैनात रहेंगे और उत्सव का वीडियो बनाया जाएगा।

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में अस्पताल के पृथक वार्ड में भर्ती मधुमेह के एक रोगी जनारुल हक की रविवार को मौत हो गई। हक एक दिन पहले सऊदी अरब से लौटा था और उसे कोरोना वायरस से संक्रमित होने की आशंका की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

डॉक्टरों के अनुसार हक को बुखार, सर्दी और जुकाम था। स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक अजय चक्रवर्ती ने कहा कि हालांकि जनारुल हक के खून और लार के नमूनों की जांच रिपोर्ट आना बाकी है लेकिन यह कहा जा सकता है कि संभवतः उसकी मौत मधुमेह से हुई। दोहा के रास्ते अमेरिका से यहां पहुंचे तमिलनाडु का 15 वर्षीय एक किशोर हवाईअड्डे पर मेडिकल जांच के दौरान बुखार से पीड़ित पाया गया जिसके बाद उसे निगरानी के लिए अस्पताल भेज दिया गया।

हवाई अड्डे के सूत्रों ने बताया कि इस लड़के में बुखार के लक्षण नजर आए जिसके बाद उसे राजीव गांधी राजकीय अस्पताल भेज दिया गया। वह अपने पिता के साथ अमेरिका से आया था। हवाईअड्डे पर एक विशेष वार्ड में उसका परीक्षण किया गया। उसके बाद अधिकारियों ने उसे अस्पताल भेज दिया।

तमिलनाडु में कोरोना वायरस से संक्रमित 45 वर्षीय एक रोगी के संपर्क में आने वाले 27 लोगों को निगरानी में रखा गया है। स्वास्थ्य सचिव बीला राजेश ने कहा कि शनिवार को संक्रमित पाए गए व्यक्ति के संपर्क में कई लोग आए थे, जब वह 28 फरवरी को मस्कट से यहां पहुंचा था। उन्होंने बताया कि संक्रमित व्यक्ति को राजीव गांधी राजकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उसकी हालत स्थिर है।

महाराष्ट्र और गुजरात से कोरोना वायरस से संक्रमण की आशंका के चलते जांच के लिए भेजे गए किसी भी नमूने को संक्रमित नहीं पाया गया। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने रविवार को कहा कि अस्पताल में भर्ती 258 लोगों के नमूनों की जांच की लेकिन कोरोना वायरस से संक्रमण की पुष्टि नहीं होने पर उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। उन्होंने कहा कि 15 अन्य लोगों को अभी मुंबई और पुणे में निगरानी में रखा गया है।

टोपे ने कहा कि अभी तक महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के एक भी मामले की पुष्टि नहीं हुई है। गुजरात सरकार ने भी रविवार को कहा कि कोरोना वायरस की आशंका के चलते जांच के लिए 47 नमूने भेजे गए लेकिन किसी भी संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई। राज्य सरकार द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया, कोरोना वायरस से संक्रमण के सभी 47 संदिग्ध मामलों की जांच में पुष्टि नहीं हुई है जिनमें पांच नमूनों की जांच अहमदाबाद की प्रयोगशाला में हुई थी।’

राजस्थान की राजधानी जयपुर स्थित सवाई माधो सिंह अस्पताल में भर्ती कोरोना वायरस से संक्रमित इतालवी दंपत्ति की सेहत में सुधार हो रहा है। वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। अतिरिक्त मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) रोहित कुमार सिंह ने बताया, इतालवी पुरुष को अब बुखार नहीं है और उसकी सेहत में लगातार सुधार हो रहा। रक्त कणिकाओं का स्तर सामान्य है और निमोनिया के लक्षण में भी कमी आई है एवं सांस लेने के लिए कृत्रिम तरीके से ऑक्सीजन देने की कम जरूरत पड़ रही है।

सिंह ने कहा कि इतालवी व्यक्ति की सेहत में हो रहे सुधार से अनुमान है कि वह अगले सात से दस दिनों में पूरी तरह से ठीक हो जाएंगे और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। गौरतलब है कि दो मार्च को इतालवी नागरिक को जांच में कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था जबकि अगले दिन उसकी पत्नी के भी इस वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई।

अरुणाचल प्रदेश के अधिकारियों ने रविवार को बताया कि विदेशियों को राज्य में प्रवेश करने के लिए पीएपी की आवश्यकता होती है। राज्य की सीमा चीन से लगती है। उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव नरेश कुमार ने पीएपी जारी करने वाले सभी अधिकारियों को अगले आदेश तक परमिट जारी करने की प्रक्रिया निलंबित करने का निर्देश दिया है।

सरकारी आदेश में कहा गया है, ऐसा लगता है कि भारत में कोविड-19 के पॉजीटिव मामले सामने आए हैं और यह संख्या बढ़ रही है। ऐसा भी मालूम चला है कि भारत में कोरोना वायरस मुख्यत: उन पर्यटकों से फैला है जो हाल फिलहाल विदेश गए थे या उन पर्यटकों से फैला है जो भारत आए थे।

इसमें कहा गया है, अरुणाचल प्रदेश में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए प्रोटेक्टेड एरिया परमिट जारी करने की प्रक्रिया अस्थायी रूप से निलंबित करने का फैसला लिया गया है। देश भर के कई अस्पतालों में अलग वार्ड की सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। कोरोना वायरस से निपटने के लिए सुविधाओं में बढ़ोतरी करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एम्स प्रशासन से कहा है कि नयी आपातकालीन शाखा के एक हिस्से में संदिग्ध कोविड-19 रोगियों के लिए पृथक बिस्तर तैयार रखा जाए।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि पृथक केंद्र में किसी भी समय करीब 20 रोगियों को रखने की व्यवस्था होगी और मामले के पुष्टि होते ही संबंधित रोगी को उपचार के लिए एनसीआई झज्जर में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। एक अलग से प्रवेश द्वार बनाया गया है जहां एंबुलेंस से रोगी आ सकेंगे। रोगियों के इतिहास और रोग की गंभीरता को देखते हुए उन्हें लाल, पीले एवं हरे रंग के संकेतकों के जरिये चिह्नित किया जाएगा।

इसके अलावा मंत्रालय ने झज्जर स्थित राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआई) से कहा कि वह अपनी पृथक बिस्तर क्षमता को वर्तमान में 25 सीटों से बढ़ाकर 125 कर दे। अधिकारी ने कहा कि पुड्डुचेरी में जवाहरलाल परास्नातक चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान (जिपमेर) से कहा गया है कि रोगियों को पृथक रखने के लिए 13 बिस्तर तैयार रखें जबकि छह अन्य एम्स को निर्देश दिया गया है कि कोरोना वायरस के रोगियों के लिए 12- 15 पृथक बिस्तर तैयार रखें।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को अधिकारियों के साथ बैठक में देश में कोरोना वायरस की स्थिति की समीक्षा की थी और उन्हें निर्देश दिया था कि पर्याप्त पृथक व्यवस्था के लिए जगहों की पहचान करें और अगर रोग अधिक फैलता है तो गहन उपचार की व्यवस्था करें। स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी राज्यों से कहा है कि जिला, प्रखंड और गांव स्तरों पर त्वरित प्रतिक्रिया दल का गठन करें।

नवीनतम परामर्श के मुताबिक सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को चाहे वे किसी भी देश के हों, उनकी वैश्विक चिकित्सा जांच आवश्यक है। जांच की पर्याप्त व्यवस्था की गई है और वर्तमान में 21 हवाई अड्डों के अलावा नौ और हवाई अड्डों को इसमें शामिल किया गया है। इस प्रकार 30 हवाई अड्डों पर यात्रियों की जांच हो रही है।

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