उच्च न्यायालय ने एनएचएआई को विवादास्पद हलफनामा वापस लेने की अनुमति दी

उच्च न्यायालय ने एनएचएआई को विवादास्पद हलफनामा वापस लेने की अनुमति दी

उच्च न्यायालय ने एनएचएआई को विवादास्पद हलफनामा वापस लेने की अनुमति दी

फोटो स्रोत: PixaBay

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को पर्यावरण और वन्यजीवों के लिए काम करने वाले दो संगठनों को 5 लाख रुपए दान करने के अपने विवादास्पद हलफनामे को वापस लेने की अनुमति दी है।

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गौरतलब है कि भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद और भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून को 2.50 लाख रुपए का दान दिया गया था।

एनएचएआई को अपने हलफनामे को वापस लेने की अनुमति देते हुए मुख्य न्यायाधीश अभय श्रीनिवास ओका और न्यायमूर्ति सचिन शंकर मगदुम की एक खंडपीठ ने कहा कि उन्हें आशा और विश्वास है कि एनएचएआई के अधिकारी पर्यावरण कानूनों के प्रति संवेदनशीलता दिखाएंगे।

मालूम हो कि एनएचएआई ने एक हलफनामा दायर किया था जिसमें कहा गया था कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत दायर जनहित याचिकाओं में राजमार्गों के मानदंडों का उल्लंघन किया गया था।

हलफनामे पर अदालत ने पिछली सुनवाई में कहा कि एनएचएआई का दृष्टिकोण चौंकाने वाला है। इसमें पर्यावरण के बारे में संवेदनशीलता की पूरी कमी दिखाई गई है।

वहीं अदालत ने एनएचएआई के अध्यक्ष को निर्देश दिया है कि वह एनएचएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी को पूछताछ करने के लिए नामित करे।

इसके बाद एनएचएआई ने 2 फरवरी को दर्ज आपत्तियों के बयान के साथ दायर हलफनामे को वापस लेने की अनुमति देने के लिए अदालत से अनुरोध किया।

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