बेंगलूरु: हिरासत में लिए गए युवक की मौत के बाद भड़के अफ्रीकी
बेंगलूरु: हिरासत में लिए गए युवक की मौत के बाद भड़के अफ्रीकी
भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने किया लाठीचार्ज
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कांगो के एक नागरिक की कथित हिरासत में मौत के बाद सोमवार दोपहर बेंगलूरु के जेसी नगर पुलिस थाने के सामने अफ्रीकी समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। जब प्रदर्शन हिंसक हो गया तो पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया। मामले में कुछ प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर बेंगलूरु उत्तर के विभिन्न थानों में ले जाया गया।
जानकारी के अनुसार, यहां एक कॉलेज में पढ़ाई कर रहे 27 वर्षीय शख्स जोएल को कथित तौर पर जेसी नगर पुलिस द्वारा रविवार रात को हिरासत में लिया गया था। पुलिस के अनुसार, उस पर पांच ग्राम एक्स्टसी गोलियां रखने का आरोप है। हिरासत के दौरान उसने सीने में दर्द की शिकायत की थी। इसके बाद उसे एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां संदेह है कि दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई।उसने अस्पताल में भर्ती होने के बाद सोमवार सुबह करीब 6:45 बजे दम तोड़ दिया। मामले की जांच के लिए सीआईडी को स्थानांतरित कर दिया गया है। यह जानकारी सामने आने के बाद करीब 20 अफ्रीकी दोपहर करीब एक बजे थाने के सामने इकट्ठे होकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
अफ्रीकियों ने ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ के नारे भी लगाए और यातायात अवरुद्ध कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने शुरुआत में पुलिसकर्मियों से लाठियां छीनने की कोशिश की और उन्हें अभद्र शब्द बोले। स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिससे कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए। घटना में तीन पुलिसकर्मियों को चोटें आने के समाचार हैं।
घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हुआ है जिसमें चार-पांच पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारियों को काबू में करते नजर आ रहे हैं। उसके बाद प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर अलग-अलग थानों में ले जाया गया।
क्या बोले पुलिस आयुक्त?
घटना के बारे में बेंगलूरु के पुलिस आयुक्त कमल पंत ने कहा कि जोएल को सीने में दर्द हुआ, जिसके बाद इलाज के दौरान एक निजी अस्पताल में उसकी मौत हो गई। मौत की जांच तुरंत सीआईडी को स्थानांतरित कर दी गई है। शाम छह बजे सीआईडी अधिकारियों की एक टीम बयान दर्ज करने के लिए जेसी नगर पुलिस स्टेशन पहुंची।
बचाने की कोशिश
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, पश्चिम सौमेंदु मुखर्जी ने कहा कि डॉक्टरों ने एक घंटे से अधिक समय तक सीपीआर देकर जोएल को बचाने की कोशिश की, लेकिन उसे नहीं बचा सके। चार से पांच घंटे बाद उसके दस्तावेज मिले। मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस बीच जोएल के कुछ दोस्तों ने यहां आकर विरोध किया। पुलिस के संयम बरतने के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने हमला शुरू कर दिया। इसकी वजह से हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा। घटना में सब इंस्पेक्टर और कांस्टेबल घायल हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है।
छात्र वीजा पर आया बेंगलूरु
डीसीपी उत्तर धर्मेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि जोएल को जेसी नगर पुलिस ने नशीली दवाओं से संबंधित अपराध में हिरासत में लिया था। अब सीआरपीसी की धारा 176 के तहत अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया गया है। जोएल शिंदानी मालू उर्फ जोन कांगो गणराज्य निवासी था और छात्र वीजा पर बेंगलूरु आया था।
अधिकारी ने बताया कि उपलब्ध जानकारी से पता चलता है कि उसका छात्र वीजा 20 जुलाई, 2015 को समाप्त हो गया था। वहीं, पासपोर्ट भी 13 दिसंबर, 2017 को समाप्त हो गया। मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार पीआई जेसी नगर द्वारा 176 सीआरपीसी के तहत यूडीआर नंबर 19/2021 की जांच की जा रही है।
अधिकारी ने कहा कि घटना के दिन देर रात करीब 12:30 बजे एक गश्ती पुलिस वाहन उसके पास पहुंचा और सिविल ड्रेस में पुलिसकर्मी ने उसे पकड़ लिया। यह देखकर जोएल भागने की कोशिश करने लगा। इस दौरान सफेद रंग के पदार्थ वाले कुछ छोटे प्लास्टिक पैकेट जमीन पर गिर गए, जिनके नशीले पदार्थ होने का संदेह था। उन्होंने कहा कि उसने पदार्थ का एमडीएमए होना स्वीकार किया था, जिसे बेचने के लिए योजना बना रहा था। बाइक पर सवार एक अन्य विदेशी नागरिक इस दौरान फरार हो गया।