गैर-राजग पार्टियों के समर्थन का कोविंद ने किया स्वागत

गैर-राजग पार्टियों के समर्थन का कोविंद ने किया स्वागत

बेंगलूरु। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के राष्ट्रपति प्रत्याशी रामनाथ कोविंद ने बुधवार को इस बात की खुशी जताई कि उनकी उम्मीदवारी को ऐसी पार्टियों का समर्थन मिल रहा है, जो राजग के ध़डे नहीं हैं्। उन्होंने कहा कि अगर वह राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करते हैं तो वह पार्टी हितों से ऊपर उठकर पूरी निष्पक्षता के साथ काम करेंगे। वह आज यहां भाजपा विधायकों और राजग में शामिल पार्टियों के सदस्यों के साथ अपने विचार साझा कर रहे थे। वह राजग के राष्ट्रपति प्रत्याशी के रूप में अपने पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए दो दिनों के बेंगलूरु दौरे पर आए हुए हैं।गौरतलब है कि रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार की चुनौती का सामना कर रहे हैं। अपने लिए समर्थन की अपील करने यहां पहुंचे कोविंद ने भाजपा विधायकों से समर्थन के लिए उनके साथ एक बैठक की। इस बैठक में मीडिया को आमंत्रित नहीं किया गया था। जानकारी के मुताबिक, कोविंद ने अपने संबोधन में कहा कि वह राजग के राष्ट्रपति प्रत्याशी चुने जाने से खुश हैं्। यह एक ऐसा निर्णय है, जिससे देश के पिछ़डे और दबे-कुचले समुदायों के विकास की नई राह खुलेगी। उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने के योग्य विधायकों को राष्ट्रपति चुनाव में मतदान के पैटर्न और मतदान की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी।इस बैठक को संबोधित करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येड्डीयुरप्पा ने कहा कि कोविंद को राष्ट्रपति प्रत्याशी बनाए जाने का मतदाताओं के एक ब़डे हिस्से ने स्वागत किया है। चुनाव में वह एक आसान जीत दर्ज करने की दहलीज पर ख़डे हैं। वहीं, कोविंद ने कहा कि उन्हें मिलने वाला हरेक मत महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने खास तौर पर बल्लारी के लोकसभा सांसद बी श्रीरामुलू की अगुवाई वाली बीएसआर कांग्रेस के समर्थन के लिए धन्यवाद दिया, जिसके पास तीन विधायकों की ताकत है। वहीं, एक निर्दलीय विधायक ने भी कोविंद को अपना समर्थन देने की घोषणा कर दी है। कोविंद ने उनके प्रति भी धन्यवाद ज्ञापित किया। इस बैठक में कई विधायकों और भाजपा नेताओं के साथ ही केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार, डीवी सदानंद गौ़डा, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता जगदीश शेट्टर और विधान परिषद में विपक्ष के नेता केएस ईश्वरप्पा भी मौजूद थे। केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत, भाजपा दलित मोर्चा अध्यक्ष और भाजपा की महासचिव सरोज पांडेय और जम्मू-कश्मीर के सांसद शमशेर सिंह ने भी इस बैठक में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। गौरतलब है कि कर्नाटक में भाजपा के ४० विधायक, १७ लोकसभा सांसद और चार राज्यसभा सांसद हैं। हालांकि विधान परिषद सदस्यों को राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने का अधिकार नहीं होता है लेकिन रामनाथ कोविंद की आज की बैठक में परिषद सदस्यों ने भी हिस्सा लिया। भाजपा की अगुवाई वाले राजग के राष्ट्रपति प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद रामनाथ कोविंद की जाति और इससे जु़डे रणनीतिक व राजनीतिक समीकरणों की चर्चा ने शुरू से ही जोर पक़ड लिया। जिस समय उन्हें चुनौती देनेवाली विपक्ष की संयुक्त प्रत्याशी मीरा कुमार कर्नाटक के दौरे पर आई थीं, उस समय उन्होंने इस तथ्य को दुर्भाग्यपूर्ण माना था कि इन दिनों हर ओर दो राष्ट्रपति प्रत्याशियों की जाति की चर्चा सर्वाधिक जोरों पर है। ऐसा पहले भारत में कभी नहीं हुआ। बहरहाल, इन्हीं चर्चाओं के बीच यह तथ्य भी लोगों का ध्यान खींच रहा है कि रामनाथ कोविंद ने वास्तव में तमाम संघर्षों के जरिए अपनी हस्ती और अपनी शख्सियत निखारी है। वह आज देश के शीर्ष दलित नेताओं में शुमार किए जाते हैं और दलितों-पिछ़डों के उत्थान के लिए उठने वाली उनकी आवाज हमेशा सुनी जाती है। वह भाजपा दलित मोर्चे की तीन कार्यकाल तक अध्यक्षता कर चुके हैं। यह इस तथ्य के बावजूद है कि वह मूलत: एक गरीब किसान परिवार से आते हैं।

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