सप्ताह के दिनों में रोशनी से झिलमिलाएगा मैसूरु महल

सप्ताह के दिनों में रोशनी से झिलमिलाएगा मैसूरु महल

मैसूरु। कर्नाटक की सांस्कृतिक राजधानी मैसूरु के मुख्य आकर्षण मैसूरु पैलेस घूमने आने वाले पर्यटकों, विशेषकर घरेलू पर्यटकों के लिए खुशखबरी है क्योंकि मैसूरु महल अब आकर्षक झिलमिल प्रकाश से सप्ताह के दिनों में भी जगमगाएगा। इसका मतलब यह है कि विशेष रूप से निर्मित अत्यधिक चमकीले बल्बों की रोशनी में आकर्षक रूप से प्रकाशित मैसूरु महल को देखने के लिए पर्यटकों को अब सप्ताहांत का इंतजार नहीं करना प़डेगा बल्कि वे सप्ताह के दिनों में भी भव्य मैसूरु महल को एक लाख से अधिक बल्बों की रोशनी में झिलमिलाते देख सकेंगे। पर्यटन को बढावा देने की योजना के तहत पैलेस बोर्ड ने सप्ताह के दिनों में भी मैसूरु महल को रोजाना पंद्रह मिनट के लिए रोशनी से प्रकाशित करने का निर्णय लिया है जिसके तहत हर दिन शाम में लाइट एंड साउंड कार्यक्रम के साथ पौने आठ से आठ बजे के बीच चमचमाते मैसूरु महल को देखा जा सकेगा। गौरतलब है कि हाल ही में लाइट एंड साउंड कार्यक्रम को दोबारा शुरु किया गया है जो कुछ तकनीकी कारणों से बंद हो गया था। साथ ही रविवार के दिन मैसूरु महल को प्रकाशित करने की अवधि का विस्तार करने का निर्णय लिया गया है जिसके तहत मौजूदा ३० मिनट का समय एक घंटे का हो जाएगा। रविवार और सार्वजनिक छुट्टियों के दिनों में चमचमाते मैसूरु महल के समक्ष शाम ७ बजे से ८ बजे के बीच प्रसिद्ध पुलिस बैंड की भी प्रस्तुति होगी। भारतीय-अरबी प्रारूप में बने मैसूरु महल में एक लाख से ज्यादा बल्ब सिंक्रानाइ़ज पैटर्न में लगे हैं जो शाम के समय एक साथ जलते हैं और सभी को आकर्षित करते हैं। महल की रोशनी दशकों से मैसूर पर्यटन उद्योग के लिए एक शुभंकर की भांति प्रतिरुपित है। वर्ष-२०१२ में सौ वर्ष पूर्ण कर चुका मैसूरु महल हमेशा ही ब़डी संख्या में पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बना रहता है। उपायुक्त डी. रणदीप, जो पैलेस बोर्ड के कार्यकारी अधिकारी भी हैं, ने राज्य में सूखे और अन्य कारणों से साउंड एंड लाइट शो के बाद मैसूरु महल को जगमगाने की प्रक्रिया कुछ समय से बंद थी और यहां तक कि सप्ताहांत के दिनों में भी इसकी समयावधि कम कर दी गई थी। हालांकि पर्यटन को बढावा देने और लाइट लाइफ को प्रोन्नत करने के मकसद से एक बार फिर से राज्य के इस पर्यटन शहर में शाम के समय मैसूरु महल को जगमगाने का निर्णय लिया गया है ताकि पर्यटक रात के समय भी मैसूरु में रुकें। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में देखा जा रहा है कि पर्यटक दिन के समय साइटसीईंग उपरांत मैसूरु से चले जाते हैं लेकिन इस नए आकर्षण के कारण उन्हें रात के समय मैसूरु में रुकने का कारण मिलेगा। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त कुप्पन्ना पार्क में शुक्रवार से रविवार तक शाम ७ बजे से रात ८.३० बजे म्यूजिकल फाउडेंशन पर्यटकों के आकर्षण का एक और केन्द्र रहेगा। द्यह्प्रय्द्मर्‍ झ्द्य फ्य्यय्द्मय् र्े्रु यय्क्व क्वघ्श्चपैलेेस बोर्ड की ओर से हर वर्ष महल में रोशनी की व्यवस्था को बरकरार रखने पर करीब ८० लाख रुपए खर्च किया जाता है। प्रकाश की इस व्यवस्था के लिए पहले ४० वॉट के बल्बों का इस्तेमाल होता था लेकिन अब विशेष रूप से निर्मित १५ वॉट के बल्ब उपयोग किए जाते हैं। वहीं हर वर्ष ऐतिहासिक दशहरा महोत्सव के पूर्व महल के करीब २५ हजार बल्बों को बदला जाता है। रणदीप ने कहा कि ४५ मिनट के साउंड एंड लाइट शो के कन्ऩड वर्सन को फिलहाल शुरु किया गया है जो तकनीकी कारणों से बंद हो गया था। इसके अतिरिक्त हिन्दी और अंग्रेजी के वर्सन भी तैयार हो चुके हैं। पर्यटकों की मांग के अनुरूप रविवार को छो़डकर सप्ताह के अन्य दिनों में इनमें से दो भाषाओं का वर्सन उपयोग में लाया जाएगा। पैलेस बोर्ड ने सप्ताह के दिनों में भी मैसूरु महल को रोजाना पंद्रह मिनट के लिए रोशनी से प्रकाशित करने का निर्णय लिया है जिसके तहत हर दिन शाम में लाइट एंड साउंड कार्यक्त्रम के साथ पौने आठ से आठ बजे के बीच चमचमाते मैसूरु महल को देखा जा सकेगा।

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