चुनाव प्रचार के लिए गुजरात नहीं जाऊंगा : सिद्दरामैया
चुनाव प्रचार के लिए गुजरात नहीं जाऊंगा : सिद्दरामैया
बेंगलूरु। मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि वे गुजरात में कांग्रेस पार्टी के लिए विधानसभा चुनाव प्रचार करने नहीं जा रहे हैं और उनका ध्यान कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव पर है। इसी क्रम में वे १३ दिसम्बर को एक राज्यव्यापी अभियान की शुरुआत करने वाले हैं। मुख्यमंत्री के आधिकारिक निवास कृष्णा में संवाददाताओं से बात करते हुए सिद्दरामैया ने कहा, गुजरात में चुनाव प्रचार के लिए मुझे जाने की जरुरत नहीं है, वहां कांग्रेस पार्टी के कई राष्ट्रीय नेता पहले से चुनावी अभियान में लगे हैं। मैं कर्नाटक छो़डकर फिलहाल किसी अन्य राज्य में कैंपेन के लिए नहीं जा रहा हूं। उन्हांेने कहा कि मुझे गुजरात जाने की क्या जरुरत है जबकि कर्नाटक में ही मेरे लिए काफी काम है और गुजरात में कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार का जिम्मा कई राष्ट्रीय नेताओं ने उठा रखा है। हालांकि उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल सहयोगी डीके शिवकुमार गुजरात जाएंगे और राज्य में ९ एवं १४ दिसम्बर को होने वाले चुनाव में पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे। कर्नाटक में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस मार्च-२०१८ मंे राज्य में जन आशीर्वाद यात्रा करेगी। भाजपा के नव कर्नाटक निर्माण परिवर्तन यात्रा को काउंटर करने के लिए पार्टी ने यात्रा की योजना बनाई है। सिद्दरामैया ने कहा, कांग्रेस अगले वर्ष मार्च में जन आशीर्वाद यात्रा निकालेगी। सिद्दरामैया अपनी सरकार की ओर से अगले महीने दिसम्बर में एक अन्य अभियान की शुरुआत करेंगे। उन्होंने कहा कि मार्च में होने वाली यात्रा में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी. परमेश्वर भी साथ रहेंगे और हम जनता से आशीर्वाद लेंगे। द्नय्ज्झ्य् द्बष्ठ्र प्रय्य्यद्बय ब्रुॅ द्भह्ख्ष्ठप्रप्द्य झ्द्य द्धद्यफ्ष्ठसिद्दरामैया ने भाजपा में शामिल होने वाले चनपटना के विधायक सी पी योगेश्वर पर हमला करते हुए उनके इस कदम को विश्वासघात करार दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने योगेश्वर को पार्टी में लेकर एक गलती की थी। उन्होंने कहा कि योगेश्वर ने कहा था कि वे कांग्रेस पार्टी में रहेंगे इसलिए मैंने उन पर भरोसा किया। उन्होंने कहा कि चन्नपटना के विकास कार्यक्रमों के लिए हमारी सरकार ने फंड जारी किए न कि योगेश्वर ने अपनी जेब से पैसे खर्च किए। यहां तक कि मैंने योगेश्वर के भाई को जिला पंचायत अध्यक्ष बनाया लेकिन अब योगेश्वर ने भाजपा में जाने की राह चुनी है। इसके अतिरिक्त वे कुछ अन्य कांग्रेस नेताओं को भी पार्टी से तो़डने की कोशिश में हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष-२०१३ में योगेश्वर ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी लेकिन डीके शिवकुमार की सिफारिश पर उन्हें कांग्रेस में शामिल किया गया था। उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस कार्यकर्ताओं को आह्वान करता हूं कि वे योगेश्वर की हार सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि १२ दिसम्बर को चन्नपटना में होने वाले एक कार्यक्रम में प्रोटोकॉल के तहत योगेश्वर को आमंत्रित किया जाएगा और मैं मंच से उनके सामने ये सारी बातें बोलूंगा।