सबरीमाला मंदिर में प्रवेश के लिए उमड़ीं महिलाएं, अब तक 11 प्रदर्शनकारी हिरासत में
सबरीमाला मंदिर में प्रवेश के लिए उमड़ीं महिलाएं, अब तक 11 प्रदर्शनकारी हिरासत में
तिरुवनंतपुरम। केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। इस मामले पर उच्चतम न्यायालय पहले ही अपना ऐतिहासिक फैसला सुना चुका है कि किसी भी उम्र की महिला को मंदिर में प्रवेश से रोका नहीं जा सकता। अब मंदिर के कपाट खुलने का समय नजदीक आते ही यहां तनाव बढ़ता जा रहा है, क्योंकि कुछ लोग महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे हैं।
सुबह से ही अयप्पा के दर्शन के लिए काफी तादाद में महिलाएं जुट गई हैं। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा के भारी इंतजाम किए गए हैं। मंदिर से करीब 20 किमी की दूरी पर स्थित नल्लिकेल बेस कैंप में ही कुछ लोगों ने महिलाओं को रोकने की कोशिश की।Kerala: #Visuals of heavy security deployment near Nilakkal, the base camp of #SabarimalaTemple as the portals of the temple are all set to open today. pic.twitter.com/YomkknhEVl
— ANI (@ANI) October 17, 2018
जानकारी के अनुसार, नल्लिकेल और पंपा बेस कैंप पर करीब एक हजार सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। प्रशासन ने महिला पुलिसकर्मी भी लगाई हैं। बुधवार सुबह मंदिर परिसर में प्रवेश के लिए काफी विरोध प्रदर्शन किया गया। पुलिस ने कम से कम 11 लोगों को हिरासत में लिया है।
#TamilNadu: Pilgrims begin arriving at Nilakkal, the base camp of #SabarimalaTemple as the portals of the temple are all set to open today. pic.twitter.com/4Fw4eYvMum
— ANI (@ANI) October 17, 2018
उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले के बाद 17 अक्टूबर शाम पांच बजे सबरीमाला मंदिर के पट खुलेंगे। मंदिर की एक प्राचीन परंपरा के अनुसार यहां 10 से 50 साल तक की महिलाओं के प्रवेश की मनाही थी। इस प्रथा को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई थी। इस पर न्यायालय ने 28 सितंबर को फैसला सुनाया और हर उम्र की महिला के लिए मंदिर के द्वार खोलने का आदेश दिया।
Kerala: Protests being held near Pamba base camp against entry of women in the age group 10-50 to #SabarimalaTemple pic.twitter.com/JTZ2negQ5L
— ANI (@ANI) October 17, 2018
उच्चतम न्यायालय में पांच जजों की बेंच ने यह फैसला सुनाया था। फैसला 4-1 के बहुमत से आया था। तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस नरीमन और जस्टिस खानविलकर ने महिलाओं के पक्ष में फैसला दिया था। वहीं जस्टिस इंदु मल्होत्रा ने मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया था। फैसले के बाद बुधवार को पहली बार सबरीमाला मंदिर के कपाट खुल रहे हैं। यहां कई महिलाएं मंदिर में दर्शन के लिए आ गई हैं। वहीं इसके विरोध में स्वर भी उठ रहे हैं।
ये भी पढ़िए:
– अधूरे ही रह गए रावण के ये 7 सपने, इन्हें बनाना चाहता था हकीकत!
– अंग्रेजी गाने पर डांस कर नोरा फतेही ने मचाया इंटरनेट पर धमाल, मिल चुके लाखों लाइक
– 30 लाख की लागत से बना दिया 215 फीट ऊंचा रावण, दशहरे से पहले ही सेल्फी में छाया
– अकबर के फैसले को योगी ने बदला, अब इलाहाबाद का आधिकारिक नाम प्रयागराज