एनएमसी विधेयक से मेडिकल अभ्यर्थी होंगे प्रभावित : स्टालिन

एनएमसी विधेयक से मेडिकल अभ्यर्थी होंगे प्रभावित : स्टालिन

चेन्नई। द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने मंगलवार को यह आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार राज्य सरकार के अधिकारों को निगल रही है और इसका ताजा उदाहरण इसके द्वारा संसद में प्रस्तावित राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक और मोटर चालकों को लाइसेंस जारी करने के लिए बनाया गया नया नियम है। उन्होंने कहा कि देश भर में डॉक्टरा भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) के स्थान पर एनएमसी गठित करने के प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्र्व एमसीआई प्रमुख केतन देसाई द्वारा अनियमितता करने के बाद इसकी जांच के लिए कई कमेटियां गठित की गई। इन कमेटियों द्वारा अपनी रिपोर्ट सरकार के समक्ष पेश करने से पहले ही केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री कार्यालय के संयुक्त सचिव की अगुवाई में एक और कमेटी का गठन कर दिया। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग बनाने का प्रस्ताव केवल प्रधानमंत्री कार्यालय के संयुक्त सचिव की अगुवाई वाली कमेटी की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर किया गया है। इस मामले में गठित अन्य कमेटियों की रिपोर्ट आने का इंतजार तक नहीं किया गया है।द्रमुक नेता ने कहा कि नए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के गठन के बाद मेडिकल पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने के इच्छु अभ्यर्थी प्रभावित होंगे। सरकार ने पहले ही मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने के लिए राष्ट्रीय योग्यता सह अर्हता परीक्षा में उत्तीर्ण होना अनिवार्य कर दिया है। अब इस नए आयोग के आने के बाद मेडिकल के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में दाखिला पाने में भी विद्यार्थियों को मुश्किलों का सामना करना प़डेगा। उन्होंने कहा कि अब इसके बाद मेडिकल शिक्षा के प्रत्येक चरण में विद्यार्थियों के लिए बाधा होगी और इसे पार करने के बाद ही वह पाठ्यक्रम में प्रवेश पा सकेंगे।स्टालिन ने कहा कि एनएमसी सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है। द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष ने सरकार के नए लाइसेंस नियमों की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि लाइसेंस जारी करने के लिए नए नियम देश में एक बार फिर से लाइसेंस राज लाने का काम करेंगे। केन्द्र सरकार द्वारा पेश किया गया मोटर लाइसेंस विधेयक राज्य सरकारों के अधिकारों का अतिक्रमण करने की दिशा में उठाया गया एक और कदम है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को लाइसेंस प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के प्रस्तावित क़डे नियम एवं शर्तों को हटाना चाहिए और इसके बदले कुछ आवश्यक नियम एवं शर्तों को शामिल करना चाहिए। लाइसेंस जारी करने के नए नियम से वाहन चालकों का काम करने वाले लोग और उनके परिवार प्रभावित होंगे।

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