चेन्नई। मुख्यमंत्री ईडाप्पाडी के पलानीस्वामी ने बुधवार को वायु प्रदूषण का अध्ययन करने के लिए सेटेलाइट तैयार करने वाली ओविया नामक छात्रा की प्रशंसा की। मुख्यमंत्री ने राज्य के तिरुचि जिले की रहने वाली ओविया को राज्य सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में पुरस्कृत भी किया। ओविया ने वायु प्रदूषण का अध्ययन करने के लिए हल्के वजन का एक सेटेलाइट तैयार किया है।इस १७ वर्षीया छात्र द्वारा निर्मित हल्के वजन वाले सेटेलाइट की मदद से राज्य के प्रमुख शहरों सहित विभिन्न क्षेत्रों में वायु प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों का अध्ययन किया जाएगा। इस सेटेलाइट का नामक ओविया ने पिछले वर्ष एमबीबीएस सीट प्राप्त करने के लिए नीट परीक्षा उत्तीर्ण करने में विफल होने के बाद आत्महत्या करने वाली राज्य की अनीता नामक छात्रा पर रखा है। एक शंकु के आकार का यह सेटेलाइट एक कैप्सूल में बंद है। इसका नामक ५०० जी अनिता-एसएटी रखा गया है जिसे मई को मेक्सिको सिटी से हीलियम गुब्बारे से अंतरीक्ष में भेजा गया।केए विललेट ओविया ने उद्योग विशेषज्ञों और गैर सरकारी संगठनों की सहायता से यह उपग्रह बनाया है। ओविया ने मुख्यमंत्री से मिलने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उसके द्वारा बनाया गया सेटेलाइट सेंसर से युक्त है और यह तापमान, दबाव, वायु गुणवत्ता और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे गैसों की उपलब्धता सहित विभिन्न मानकों का विवरण प्राप्त करने में सक्षम है। इस सेटेलाइट की उम्र मात्र तीन घंटे है और जब यह १५ किमी की ऊंचाई तक पहुंचने के बाद ब्यौरा दर्ज करना शुरु कर दिया।उपग्रह के स्थान का पता लगाने और इसकी गति को मापने के लिए इसमें जीरोमीटर और एक्सेलेरोमीटर तथा जीपीएस भी लगाया गया है। इसमें ऊंचाई मापने के लिए बैरोमीटर और प्राप्त विवरणों को प्रसारित करने के लिए एक कैमरा भी लगाया गया है। इसके द्वारा प्राप्त विवरणों को मेक्सिको के ए़ज्रा लैब्स में स्थित ग्राउंड स्टेशन पर प्रेषित किया जा रहा है। ओविया ने कुछ इस तरह से उपग्रह को तैयार किया है कि पृथ्वी के वायुमंडल से निकलने के बाद जब यह नीचे उतरने लगेगा तो इसे पुन: प्राप्त किया जा सकेगा।ओविया ने बताया कि इस उपग्रह से वायुमंडल में ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी विभिन्न गैसों की मात्रा माापी जा सकती है और इन आंक़डों का उपयोग सरकारों द्वारा वायु प्रदूषण को रोकने के लिए किया जा सकता है। ओविया का कहना है कि उनके जीवन में उस समय नया मो़ड आया जक उसे अपनी एक सिंचाई परियोजना के साथ पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम से मिलने का मौका मिला। इस मुलाकात के बाद ही उसने यह तय किया कि वह कुछ ऐसा बनाएंगी जिससे राज्य और राष्ट्र को कुछ लाभ हो सके।ओविया प्रदूषण के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए कुछ करना चाहती हैं। अभी उन्होंने बारहवीं की परीक्षा दी है और परिणाम का इंतजार कर रही है। ओविया को इले्ट्रिरकल और इलेक्ट्रॉनिक्स में रुचि है और बारहवीं के बाद वह इन्हीं विषयों में इंजीनियरिंग करना चाहती है। ज्ञातव्य है कि इस परियोजना को पूरा करने में तीन वर्ष लग गए। इस सेटेलाइट को, इग्नाइट – इंडिया और अग्नि फाउंडेशन के संस्थापक अग्निश्वर जयप्रकाश के द्वारा प्रायोजित किया गया इसके साथ ही चेन्नई के गरु़ड एयरोस्पेस द्वारा उन्हें सेटेलाइट के लिए आवश्यक एल्गोरिदम डिजाइन करने में मदद की गई।