चेन्नई/दक्षिण भारतपिछले एक दशक में तमिलनाडु देश में अंग प्रत्यारोपण करने वाले अग्रणी राज्य के रुप में उभरा है।अंगदान करने के लिए भी काफी संख्या में लोग आगे आए हैं। यह वर्ष राज्य के लिए काफी महत्वपूर्ण रहा क्योंकि इस वर्ष अब तक राज्य के १८० ब्रेन डेड घोषित किए गए लोग अंगदान करने के लिए सामने आए हैं और कई लोगों को इन अंगों की मदद से नया जीवन दिया जा सका। अंगदान करने वाले लोगों को अंग प्रत्यारोपण के जरुरतमंद लोगों से मिलाने के लिए काम करने वाले संगठन मल्टी ऑर्गन हार्वेस्टिंग और नेटवर्किंग (मोहन) से जु़डे चिकित्सकों के अनुसार अंग दान करने के लिए इतनी ब़डी संख्या में लोगों के सामने आने का मुख्य कारण यह है कि लोगों में अंगदान के प्रति जागरुकता आई है।मोहन के चिकित्सकों के अनुसार मौजूदा समय में १५ प्रतिशत अंगदान मृतक के परिजनों द्वारा स्वयं डॉक्टरों से संपर्क कर किया जाता है और अंगदान करने वाले लगभग ९० प्रतिशत लोग ऐसे होते हैं जो स़डक दुर्घटनाओं के शिकार होते हैं। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि वह अभी भी लक्ष्य से काफी दूर हैं और उनका लक्ष्य एक दिन में कम से कम एक अंग दान प्राप्त करना है। ज्ञातव्य है कि तमिलनाडु देश का पहला ऐसा राज्य है जिसने अंग प्रत्यारोपण के कार्य में सुगमता लाने के लिए देश में पहली बार तमिलनाडु प्रत्यारोपण प्राधिकरण का गठन किया था। इस प्राधिकरण के गठन के बाद से ही राज्य देश में सबसे अधिक अंग प्रत्यारोपित करने वाला राज्य बन सका। राज्य अंग प्रत्यारोपण प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार मौजूदा समय में राज्य में किडनी के लिए इंतजार कर रहे मरीजों की संख्या ३,३१४, लीवर के लिए इंतजार कर रहे मरीजों की संख्या २४२ और दिल के लिए इंतजार कर रहे मरीजों की संख्या ४० है। इसी क्रम में राज्य सरकार राज्य में अंग्र प्रत्यरोपण संंबंधी गतिविधियों को बढावा देने के लिए तमिलनाडु अंग्र प्रत्यारोपण प्राधिकरण का विस्तार करने की योजना को मंजूरी दे दी है। मौजूदा समय में प्राधिकरण राजीव गांधी सामान्य सरकारी अस्पताल में ३५० वर्ग फिट के क्षेत्रफल पर बने कार्यालय से काम कर रहा है लेकिन अब इसके तमिलनाडु सरकारी मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल में १५०० वर्ग फिट का स्थान उपलब्ध करवाने की योजना बनाई जा रही है। इसके साथ ही इस प्राधिकरण में शामिल अंग्र प्रत्यारोपण करने तथा अंग दान करने वाले दानदाताओं के शरीर से अंगों को सफलतापूर्व निकालने वाले चिकित्सकों एवं अन्य चिकित्साकर्मियों की संख्या भी बढाने पर विचार किया जा रहा है।में स्थित अमरावती बांध के जलआवक में भी वृद्धि होगी। पिछले चौबीस घंटों के दौरान बांध का औसत जल आवक ११,५०० क्यूबिक फिट प्रति सेकेंड रिकार्ड किया गया है। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बांध के जलस्तर में हुई बढोत्तरी पर प्रसन्नता प्रकट की है। अधिकारियों का कहना है कि किसानों में बांध के जलस्तर में बढोत्तरी होने से काफी खुश है। इस बांध से पानी छो़डने पर जिले के ११ गांवों के किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सकेगा। इसी क्रम में जल संसाधन विभाग की ओर से सोमवार को एक विज्ञप्ति जारी कर मेट्टूर बांध और अधिकतम जलस्तर की ओर अग्रसर हो रहे अन्य बांधों के किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने का निर्देश दिया गया है। बांध के पानी में नौका ओर कोरैकल संचालित करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। केन्द्र सरकार द्वारा कावेरी नदी का पानी तमिलनाडु को देने के लिए नियुक्त की गई समिति भी लगातार बांधों के जलस्तर पर नजर बनाई हुई है।