मुख्यमंत्री ने दी पशुमोपन मुथुरामलिंगम को श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री ने दी पशुमोपन मुथुरामलिंगम को श्रद्धांजलि
मदुरै/दक्षिण भारत मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामी, उप मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने मंगलवार को मदुरै के गोरीपाल्यम स्थित राज्य के स्वतंत्रता सेनानी पशुमोपन मुथुरामलिंगम की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री एवं मंत्रियों द्वारा पशुमोपम मुथुरामलिंगम की १११ वीं जयंती याद किया गया। पशुमोपन मुथुरामलिंगम ने ब्रिटिश हुकूमत का विरोध किया था और उनके द्वारा भारतीय नागरिकों पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ आवाज बुलंद किया था।पशुमोपन मुथुरामलिंगम एक स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ ही मानवाधिकार कार्यकर्ता भी थे। उन्होंने जमींदारों द्वारा मजदूरों के उत्पी़डन और महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव का भी खुले तौर पर विरोध किया था। उन्होंने कहा कि समाज में सभी को बराबरी का हक मिलना चाहिए। चाहे कोई भी व्यक्ति किसी भी जाति का क्यों न हो उसके साथ जाति के आधार पर या रंग या नस्ल के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए।मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के साथ ही राज्य की सत्तारुढ अखिल भारतीय अन्ना द्रवि़ड मुनेत्र कषगम(अन्नाद्रमुक) के स्थानीय विधायकों और कार्यकर्ताओं ने भी इस महान स्वतंत्रता को श्रद्धांजलि दी। उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद सभी नेता उनके गांव पसुमोपन स्थित उनके पैतृक गांव भी पहुंचे और ग्रामीणों को संबोधित किया। ग्रामीणों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने पसुमोपम मुथुरामलिंगम द्वारा आजादी की ल़डाई के दौरान किए गए योगदान को याद किया।मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि यह हमारे लिए काफी गौरव की बात है कि मुथुरामलिंगम जैसे महान स्वतंत्रता सेनानी ने तमिलनाडु की धरती पर जन्म लिया। उनके द्वारा किए गए कार्यों को युवा पीढी को जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य की अन्नाद्रमुक सरकार ने राज्य के महान स्वतंत्रता सेनानियों को भावी पीढी को बताने के लिए पाठ्य पुस्तकों में उनके बारे में पाठों को शामिल किया है। सभी स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार के सदस्यों को मिलने वाली आर्थिक सहायता राशि में भी बढोत्तरी की है।इससे पूर्व उनके गांव में थेवर जयंती और गुरु पूजा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम को लेकर गांव में भारी संख्या में आसपास के गांवों से लोग पहुंचे थे। जिला प्रशासन द्वारा थेवर जयंती और गुरु पूजा के मद्देनजर काफी पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। गांव में करीब १००० पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। पसुमोपन गांव तक लोगों को पहुंचने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो इस बात को ध्यान में रखते हुए तमिलनाडु राज्य स़डक परिवहन निगम द्वारा विशेष बसों का संचालन किया गया।