पाक में भी हो सकते हैं श्रीलंका जैसे हालात? लगातार कमजोर हो रहा रुपया
(एसबीपी) के आंकड़ों के मुताबिक, मंगलवार को यह 303.50 रुपए पर बंद हुआ था
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 1.45 रुपए की गिरावट दर्ज की गई
कराची/दक्षिण भारत। पाकिस्तानी रुपए में गिरावट का दौर बुधवार को भी जारी रहा और अंतरबैंक बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 1.45 रुपए की गिरावट दर्ज की गई।
एक्सचेंज कंपनीज एसोसिएशन ऑफ पाकिस्तान की मुद्रा दर सूची के अनुसार, दोपहर 12 बजे इंटरबैंक बाजार में डॉलर 304.50 रुपए पर कारोबार कर रहा था।स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के आंकड़ों के मुताबिक, मंगलवार को यह 303.50 रुपए पर बंद हुआ था।
हालांकि, खुले बाज़ार में डॉलर कल की दर के समान, बहुत अधिक - 323 रुपए पर कारोबार कर रहा था। वहीं, ईसीएपी ने खुले बाज़ार की दर 318 रुपए बताई।
एक विश्लेषक ने बताया, आर्थिक कुप्रबंधन के अलावा राजनीतिक मोर्चे पर अनिश्चितता ने व्यापारियों के भरोसे को डिगा दिया है। अधिकांश विश्लेषक आगामी सप्ताह में एक आपातकालीन बैठक की उम्मीद कर रहे हैं, जो रुपए की कमजोरी को दूर करने में मदद कर सकती है।
उन्होंने कहा कि इस तेजी के शुरू होने के बाद से रुपए में लगभग 10 फीसद की गिरावट आई है। अगर रुपए को कमजोर होने दिया गया तो इससे केवल डॉलरीकरण और मुद्रास्फीति की घटना में वृद्धि होगी।
मुद्रा विशेषज्ञों ने कहा है कि बैंकों और एक्सचेंज कंपनियों द्वारा बताई गई डॉलर दरें वास्तविक नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि बैंक केंद्रीय बैंक की प्रतिक्रिया के डर से वास्तविक स्थिति को दर्शाने में अनिच्छुक हैं, जबकि एक्सचेंज कंपनियां अपने खिलाफ कार्रवाई के डर से सच्चाई बताना नहीं चाहती हैं।
बैंकों के सूत्रों ने कहा था कि आयात खुलने के साथ - आईएमएफ की एक शर्त - बैंकों को डर था कि आयातकों की उच्च मांग को पूरा करने के लिए डॉलर का कमजोर प्रवाह पर्याप्त नहीं होगा। इस स्थिति में बैंकों में मुद्रा व्यापारी आयात के लिए ऋण पत्र खोलने का विरोध करते हैं।
बैंकरों ने वित्तीय क्षेत्र में चल रही इन खबरों को अफवाह बताते हुए खारिज कर दिया कि अगले महीने पाकिस्तान में बड़ी मात्रा में डॉलर आएंगे और आईएमएफ के साथ बातचीत अंतिम चरण में है।