लालच बुरी बला
करीब एक दशक पहले फर्जी लॉटरी के नाम पर लोगों को खूब लूटा जाता था
अब पार्ट टाइम नौकरी के नाम पर कई साइबर ठगों ने जाल बिछा रखे हैं
देश में साइबर ठग नित नए तरीकों से लोगों को लूट रहे हैं। जांच एजेंसियों और पुलिस की काफी कोशिशों के बावजूद उनके हौसले बुलंद नजर आ रहे हैं, जो बहुत चिंता की बात है। ये साधारण शिक्षित लोगों को तो अपना निशाना बना ही रहे हैं, उच्च शिक्षित लोग भी इनके झांसे में आ रहे हैं।
इसमें आश्चर्य की बात यह है कि जिन लोगों ने तकनीकी शिक्षा प्राप्त की है, वे भी ऐसे ठगों के जाल में फंस जाते हैं। जब तक 'शिकार' को पता चलता है कि उसके साथ ठगी हुई है और उसे पुलिस को सूचित करना चाहिए, साइबर ठग अपना काम कर आगे बढ़ चुका होता है।करीब एक दशक पहले फर्जी लॉटरी के नाम पर लोगों को खूब लूटा जाता था। अब पार्ट टाइम नौकरी के नाम पर कई साइबर ठगों ने जाल बिछा रखे हैं। वे इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि कोई उनकी लुभावनी बातों में फंसे और वे उससे हजारों-लाखों रुपए लूटें। इसलिए आम आदमी को इनके हथकंडों की जानकारी होना बहुत जरूरी है। अन्यथा ये उसकी अनभिज्ञता का फायदा उठाकर बैंक खाते में ऐसी सेंध लगाएंगे कि बाद में पछतावे के सिवा कुछ नहीं बचेगा।
नोएडा में तो पार्ट टाइम नौकरी का झांसा देकर अज्ञात साइबर ठगों ने एक युवक से 47.23 लाख रुपए ठग लिए! यह बहुत बड़ी रकम है। ठगी का शिकार हुआ युवक आईटी इंजीनियर है। उसे साइबर ठगों ने मोटी कमाई का ऐसा प्रलोभन दिया कि वह लालच में फंसता ही गया।
उसे पता ही नहीं चला कि पार्ट टाइम नौकरी के नाम पर जो सब्ज बाग दिखाए गए हैं, वह तबाही का दलदल है। जब युवक के पास इतनी बड़ी रकम थी, तो उसे स्वरोजगार करना चाहिए था या सरकार की किसी बचत योजना में निवेश करना चाहिए था। इससे कम से कम धन तो सुरक्षित रहता।
प्राय: साइबर ठगी को लेकर लोगों में यह धारणा है कि ऐसा दूसरों के साथ होता है, हमारे साथ नहीं हो सकता। किसी को इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए, बल्कि ऐसी घटनाओं के बारे में जानकर सतर्कता बरतते हुए जागरूकता का प्रसार करना चाहिए। आज साइबर ठगों के लिए सोशल मीडिया ऐसा अड्डा बनता जा रहा है, जहां वे बहुत आसानी से लोगों को शिकार बना सकते हैं।
हाल में पार्ट टाइम नौकरी के नाम पर जिन लोगों के साथ ठगी की घटनाएं हुईं, उनमें से ज्यादातर वे हैं, जिनसे ठगों ने वॉट्सऐप या टेलीग्राम के जरिए संपर्क किया था। उन्हें कुछ वीडियो लाइक कर रोजाना हजारों रुपए कमाने का झांसा दिया था। जब वीडियो लाइक करने मात्र से हजारों रुपए मिल रहे हों तो कौन व्यक्ति कमाई नहीं करना चाहेगा? बस, यही लालच उस व्यक्ति को नुकसान की ओर ले जाता है।
जिस तरह शिकार को फंसाने के लिए शातिर शिकारियों की ओर से शुरुआत में खाने-पीने का कुछ सामान मुहैया कराया जाता है, उसी तरह साइबर ठग भी 'उन्हें' अपने सोशल मीडिया ग्रुप से जोड़कर कुछ टास्क देते हैं और मामूली रकम खाते में जमा करा देते हैं। इससे संबंधित व्यक्ति को विश्वास हो जाता है कि उसका काम सही है, वह उस दिशा में आगे बढ़ रहा है, जहां दौलत उसका इंतजार कर रही है। साइबर ठग उस व्यक्ति के विश्वास का फायदा उठाकर टास्क देते रहते हैं और कमाई भी ज्यादा प्रदर्शित करते रहते हैं।
फिर वह दिन आता है, जब उसे और कमाई के लिए कुछ रकम निवेश करने के लिए कहा जाता है। चूंकि 'शिकार' को कंपनी पर विश्वास होता है, इसलिए वह बड़ी रकम निवेश कर देता है। कई लोगों ने उधार लेकर भी रुपए लगाए थे। उसके बाद साइबर ठग पूरी रकम हड़प लेते हैं और फोन नंबर बंद कर देते हैं। ऐसी ठगी के शिकार कई लोग आत्महत्या तक कर चुके हैं। देश में ऑनलाइन लूट का यह ऐसा खेल चल रहा है, जिसने कई परिवारों को घोर संकट में डाल दिया। मोटी कमाई के लालच में आकर लोग अपना सबकुछ गंवा बैठते हैं।
हमारे बड़े-बुजुर्गों ने लालच को बुरी बला यूं ही नहीं कहा था। उनके ज़माने में भी ठग नए-नए हथकंडे अपनाकर लोगों को ठगते थे, जिसके मूल में 'लालच' था। जब तक लोग लालच के वशीभूत होकर झांसे में आते रहेंगे, ठगों का धंधा चलता रहेगा। इसलिए मोटी कमाई के लालच से दूर रहते हुए मेहनत व ईमानदारी से काम करने में ही कल्याण है।