उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक को तमिलनाडु के लिए 5,000 क्यूसेक पानी छोड़ने के आदेश में हस्तक्षेप से इन्कार किया
कावेरी जल विवाद से जुड़ी बड़ी ख़बर
By News Desk
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न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने कहा ...
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण और कावेरी जल विनियमन समिति के आदेशों में हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया, जिसमें कर्नाटक सरकार को तमिलनाडु को 5,000 क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्देश दिया गया था।
न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने कहा कि वह तमिलनाडु की उस याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं है, जिसमें उसने कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) के समिति के आदेश को इस आधार पर कि वर्षा की कमी के कारण यह सूखे जैसी स्थिति का सामना कर रहा है, बरकरार रखने के फैसले को चुनौती दी है।पीठ ने कहा कि सीडब्ल्यूएमए और कावेरी जल विनियमन समिति (सीडब्ल्यूआरसी) जैसे विशेषज्ञ निकायों ने सूखे और कम बारिश जैसे सभी प्रासंगिक पहलुओं पर विचार किया है और आदेश पारित किया है और इसलिए, वह कर्नाटक को 5,000 क्यूसेक पानी छोड़ने के निर्देश देने वाले आदेश में हस्तक्षेप करने की इच्छुक नहीं है।