ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराकर विश्व कप जीता
भारत को नरेंद्र मोदी स्टेडियम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में तीसरा विश्व कप जीतने की उम्मीद थी
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अहमदाबाद/भाषा। मिशेल स्टार्क की अगुआई में गेंदबाजों के उम्दा प्रदर्शन के बाद ट्रेविस हेड के शतक से ऑस्ट्रेलिया ने रविवार को यहां आईसीसी क्रिकेट विश्व कप फाइनल में भारत को छह विकेट से हराकर लगातार नौवीं जीत के साथ अभूतपूर्व छठा एकदिवसीय विश्व कप जीता और साथ ही करोड़ों भारतीयों का दिल और मेजबान टीम का विश्व चैंपियन बनने का सपना तोड़ दिया।
लगातार 10 जीत के विजय रथ पर सवार होकर फाइनल में पहुंचे भारत को नरेंद्र मोदी स्टेडियम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में तीसरा विश्व कप जीतने की उम्मीद थी। टूर्नामेंट के सबसे सफल बल्लेबाज विराट कोहली और रविचंद्रन अश्विन ने एकदिवसीय विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का दूसरी बार हिस्सा बनने का सपना देखा था, जबकि कप्तान रोहित शर्मा पहली बार एकदिवसीय विश्व चैंपियन बनने का सपना संजोए थे लेकिन पैट कमिंस की टीम ने इन सपनों को साकार नहीं होने दिया।ऑस्ट्रेलिया ने दिखा दिया कि क्यों वह विश्व क्रिकेट की शीर्ष टीम है। टीम ने भारत के खिलाफ पहले मैच सहित लगातार दो हार के साथ अपने अभियान की शुरुआत की लेकिन फिर लगातार नौ मैच जीतकर खिताब अपने नाम किया।
भारत के 241 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने हेड की 120 गेंद में चार छक्कों और 15 चौकों से 137 रन की पारी के अलावा मार्नस लाबुशेन (110 गेंद में नाबाद 58 रन, चार चौके) के साथ उनकी चौथे विकेट की 192 रन की साझेदारी से 43 ओवर में चार विकेट पर 241 रन बनाकर जीत दर्ज की।
भारत इस तरह जोहानिसबर्ग में साल 2003 विश्व कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली हार का बदला चुकता करने में विफल रहा। टीम को इसी साल विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भी ऑस्ट्रेलिया ने हराया था जबकिसाल 2015 विश्व कप सेमीफाइनल में भी इसी टीम ने उसे शिकस्त दी थी।
भारत इससे पहले लोकेश राहुल (107 गेंद में 66 रन, एक चौका) और विराट कोहली (63 गेंद में 54 रन, चार चौके) के अर्धशतक और दोनों के बीच चौथे विकेट की 67 रन की साझेदारी के बावजूद 50 ओवर में 240 रन पर सिमट गया था। कप्तान रोहित शर्मा (47) ने पारी का आगाज करते हुए एक बार तेज पारी खेली।
ऑस्ट्रेलिया की ओर से स्टार्क सबसे सफल गेंदबाज रहे जिन्होंने 55 रन तीन विकेट विकेट चटकाए। कप्तान पैट कमिंस (34 रन पर दो विकेट) और जोश हेजलवुड (60 रन पर दो विकेट) ने भी दो-दो विकेट हासिल किए।
भारत की हार की नींव हालांकि पहली पारी में ही रख दी गई, जब उसके बल्लेबाजों ने अति रक्षात्मक रवैया अपनाया और टीम आखिरी 40 ओवर में सिर्फ चार चौके मार सकी जो ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के दबदबे को दर्शाता है।
लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत भी खराब रही और टीम ने 47 रन तक ही तीन विकेट गंवा दिए। शमी ने सेमीफाइनल की तरह फाइनल में भी मैच की अपनी पहली गेंद पर विकेट चटकाया। उन्होंने डेविड वार्नर (07) को स्लिप में कोहली के हाथों कैच कराया।
मिशेल मार्श (15) ने शमी पर छक्का मारा लेकिन जसप्रीत बुमराह ने उन्हें विकेटकीपर राहुल के हाथों कैच कराया दिया। बुमराह ने अपने अगले ओवर में स्टीव स्मिथ (04) को भी पगबाधा किया।
सलामी बल्लेबाज ट्रेविस हेड ने हालांकि एक छोर संभाले रखा। उन्होंने शमी पर लगातार दो चौके मारे, जिससे ऑस्ट्रेलिया ने 10 ओवर में तीन विकेट पर 60 रन बनाए।
हेड ने इसके बाद लाबुशेन के साथ मिलकर पारी को संवारा। दोनों ने 20वें ओवर में टीम के रनों का शतक पूरा किया।
हेड ने कुलदीप यादव पर अपना पहला छक्का जड़ा और फिर उनकी गेंद पर एक रन के साथ 58 गेंद में अर्धशतक पूरा किया।
हेड ने इसके बाद तीखे तेवर अपनाए। उन्होंने रविंद्र जडेजा पर एक रन के साथ 27वें ओवर में लाबुशेन के साथ शतकीय साझेदारी पूरी की और फिर अगले ओवर में बुमराह पर तीन चौके मारे।
हेड ने कुलदीप की गेंद पर एक रन के साथ सिर्फ 95 गेंद में शतक पूरा किया। उन्होंने सिराज पर छक्के के साथ 37वें ओवर में टीम का स्कोर 200 रन के पार पहुंचाया और फिर कुलदीप की गेंद को भी दर्शकों के बीच पहुंचाया।
लाबुशेन ने बुमराह पर चौके के साथ 99 गेंद में अर्धशतक पूरा किया।
टीम को अंतिम 10 ओवर में जीत के लिए सिर्फ 16 रन की दरकार थी। ऑस्ट्रेलिया जब जीत से दो रन दूर था तब हेड सिराज की गेंद को बाउंड्री पर शुभमन गिल के हाथों में खेल गए। ग्लेन मैक्सवेल ने हालांकि अगली गेंद पर दो रन के साथ टीम को लक्ष्य तक पहुंचा दिया।
इससे पहले कमिंस ने टॉस जीतकर भारत को बल्लेबाजी का न्योता दिया और गेंदबाजों ने उनके फैसले को सही साबित किया।
रोहित ने एक बार फिर तीखे तेवर दिखाए। उन्होंने हेजलवुड पर दो चौके जड़ने के बाद उनके अगले ओवर में लगातार गेंदों पर छक्का और चौका मारा।
शुभमन गिल (04) हालांकि स्टार्क की गेंद पर तेज प्रहार करने की कोशिश में मिड ऑन पर एडम जंपा को कैच दे बैठे।
बेहतरीन फॉर्म में चल रहे कोहली ने स्टार्क पर लगातार तीन चौकों के साथ 6.3 ओवर में भारत का स्कोर 50 रन के पार पहुंचाया जो एकदिवसीय विश्व कप फाइनल में किसी टीम के रनों का सबसे तेज अर्धशतक है।
रोहित ने इसके बाद ग्लेन मैक्सवेल की लगातार गेंदों पर छक्का और चौका मारा लेकिन अगली गेंद पर को हवा में लहरा बैठे और ट्रेविस हेड ने कवर्स से पीछे की ओर भागते हुए शानदार कैच लपका। उन्होंने 31 गेंद की अपनी पारी में चार चौके और तीन छक्के मारे।
पिछले दो मैच में शतक जड़ने वाले श्रेयस अय्यर (04) ने मैक्सवेल पर चौके से खाता खोला लेकिन अगले ओवर में कमिंस की गेंद पर विकेटकीपर जोश इंग्लिस को कैच दे बैठे जिससे भारत का स्कोर तीन विकेट पर 81 रन हो गया।
कोहली ने एडम जंपा पर एक रन के साथ 16वें ओवर में भारत के रनों का शतक पूरा किया।
बीच के ओवरों में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने भारत पर शिकंजा कसा जिससे रन गति में गिरावट आई। अय्यर के 10वें ओवर की अंतिम गेंद पर चौके बाद भारत को अगली बाउंड्री के लिए 97 गेंद तक इंतजार करना पड़ा। राहुल ने 27वें ओवर में मैक्सवेल की गेंद पर पैडल स्कूप के साथ फाइन लेग पर चौका मारा।
कोहली ने जंपा की गेंद पर एक रन के साथ 56 गेंद में मौजूदा विश्व कप का अपना छठा अर्धशतक पूरा किया।
कोहली हालांकि अर्धशतक पूरा करने के बाद कमिंस की उछाल लेती गेंद को विकेटों पर खेलकर बोल्ड हो गए।
राहुल ने स्टार्क की गेंद पर एक रन के साथ 86 गेंद में अर्धशतक पूरा किया।
हेजलवुड ने गेंदबाजी में वापसी करते हुए रविंद्र जडेजा (09) को विकेटकीपर इंग्लिस के हाथों कैच कराके भारत का स्कोर पांच विकेट पर 178 रन कर दिया।
राहुल के पहले चौके बाद भारत को एक बार फिर बाउंड्री के लिए 75 गेंद का इंतजार करना पड़ा। सूर्यकुमार ने 39वें ओवर में जंपा पर चौका मारा।
राहुल ने जंपा की गेंद पर एक रन के साथ 41वें ओवर में भारत के 200 रन पूरे किए।
कमिंस ने इसके बाद गेंद एक बार फिर स्टार्क को थमाई और इस बार उन्होंने राहुल को इंग्लिस के हाथों कैच करा दिया।
स्टार्क ने अगले ओवर में मोहम्मद शमी (06) को भी इंग्लिस के हाथों कैच कराया।
भारत को अंतिम ओवरों में सूर्यकुमार से तेजी से रन बनाने की उम्मीद थी लेकिन वह भी हेजलवुड की धीमी बाउंसर पर इंग्लिस को कैच दे बैठे। उन्होंने 28 गेंद में 18 रन बनाए।
पारी की अंतिम गेंद पर कुलदीप यादव (10) के रन आउट होने से भारतीय पारी का अंत हुआ।