पिछले 40 वर्षों की तुलना में साढ़े 9 वर्षों में ज्यादा विद्युतीकरण किया गया: रेल मंत्री
अश्विनी वैष्णव ने 'अति विशिष्ट रेल सेवा पुरस्कार' प्रदान किए
उन्होंने रेलवे कर्मचारियों के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए 21 शील्ड भी प्रदान कीं
चेन्नई/दक्षिण भारत। केंद्रीय रेल, संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को देशभर के विभिन्न जोनों / मंडलों, उत्पादन इकाइयों और रेलवे पीएसयू के 100 रेलवे कर्मचारियों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 'अति विशिष्ट रेल सेवा पुरस्कार' (एवीआरएसपी) से सम्मानित किया।
उन्होंने रेलवे कर्मचारियों के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए 21 शील्ड भी प्रदान कीं। पुरस्कार/शील्ड नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में आयोजित 68वें रेलवे सप्ताह केंद्रीय समारोह में प्रदान किए गए। दक्षिण पश्चिम रेलवे और मध्य रेलवे ने संयुक्त रूप से भारतीय रेलवे में पर्यावरण और स्वच्छता श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जोन का पुरस्कार जीता।इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं सीईओ और सदस्य, जोनल रेलवे के महाप्रबंधक और रेलवे की उत्पादन इकाइयों और रेलवे के सार्वजनिक उपक्रमों के प्रमुख मौजूद थे।
लागू होंगी कई नई पहल
रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि भारतीय रेलवे ने पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं, जैसे- यात्रियों के परिवहन के लिए 34 नई वंदे भारत ट्रेनें, अमृत भारत के तहत 1309 स्टेशनों का पुनर्विकास, जिससे समग्र अनुभव में सुधार होगा और यात्रियों का समय बचेगा।
रेल सुरक्षा के बारे में बात करते हुए, सीआरबी ने कहा कि कवच सहित समग्र सुरक्षा में सुधार के लिए रेलवे द्वारा उन्नत तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, जिसे गति और पैमाने के साथ लागू किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भविष्य के लिए कई नई पहल हैं, जिन्हें हम लागू करेंगे, जिनमें मिशन 3,000 मिलियन टन माल ढुलाई शामिल है; जीक्यूजीडी में बढ़ती गति; उत्तर-पूर्व और जम्मू-कश्मीर सहित सभी असंबद्ध क्षेत्रों को जल्द ही जोड़ा जाएगा।
पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए सिन्हा ने कहा कि इनकी उत्कृष्टता और प्रतिबद्धता रेलवे को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे भारत को 'विकसित भारत' बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
निवेश की कमी अतीत की बात
अश्विनी वैष्णव ने पुरस्कार विजेताओं को उनके असाधारण कार्यों और प्रयासों के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रेलवे में परिवर्तन का काम तेजी से जारी है। उन्होंने कहा कि पिछले 40 वर्षों की तुलना में साढ़े 9 वर्षों में ज्यादा विद्युतीकरण किया गया है। इसके पीछे बड़ी तस्वीर यह है कि जब साल 2015 में प्रधानमंत्री ने रेलवे बजट को आम बजट में मिला दिया, तो रेल अनुदान पर ब्याज/पूंजी शुल्क देना पड़ा और इससे रेलवे के लिए सभी वित्तीय बाधाएं दूर हो गईं। निवेश की कमी, जो रेलवे के लिए सबसे बड़ी समस्या थी, अब अतीत की बात है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रेलवे से लोगों की उम्मीदें अब पूरी हो रही हैं। प्रधानमंत्री अक्सर कहते हैं कि यह रेलवे का स्वर्णिम काल है और इसके पीछे आप सबकी ताकत है। सभी रेलवे कर्मचारियों की यह प्रतिबद्धता हर किसी को गर्व महसूस कराती है कि हम अपने देश के लिए ऐसा कर रहे हैं। रेलवे के बुनियादी ढांचे को रिकॉर्ड गति और पैमाने पर विकसित किया जा रहा है। कई नई चीजें हो रही हैं, जो रणनीतिक लक्ष्य हासिल करने में मदद कर रही हैं।
तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा भारत
लॉजिस्टिक्स लागत में बड़े पैमाने पर संभावित बचत के बारे में बात करते हुए वैष्णव ने कहा, ऐसा परिवहन, यदि सड़क मार्ग से किया जाता है, तो इसमें ईंधन लागत के साथ-साथ उच्च लागत भी शामिल होती है।
एक अनुमान के मुताबिक, 3,000 मिलियन टन नया माल आएगा और अगर इसका आधा हिस्सा रेलवे को मिलता है तो संभावित रूप से 16,000 करोड़ लीटर ईंधन की बचत होगी। साथ ही 1,28,000 करोड़ रुपए भी बचेंगे, जो कि एक बड़ी उपलब्धि होगी।
देश की आर्थिक वृद्धि के बारे में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि साल 2014 में भारत वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में 10वें स्थान पर था, जबकि साल 2004 में भारत पहले ही 10वें स्थान पर था। इसलिए, वह एक खोया हुआ दशक था। अब भारत 5वें स्थान पर है और आने वाले वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और दूरदर्शिता के तहत जल्द ही तीसरा स्थान हासिल करेगा।