2023 की उपलब्धियां, 2024 से उम्मीदें ... 'मन की बात' में यह बोले मोदी
'यह 140 करोड़ भारतीयों की ताकत है कि इस वर्ष हमारे देश ने कई विशेष उपलब्धियां हासिल की हैं'
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी भारतभूमि को हर कालखंड में देश की विलक्षण बेटियों ने गौरव से भर दिया
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम में देशवासियों के साथ अपने विचार साझा किए। इस अवसर उन्होंने कहा कि आज हमारी साझा यात्रा का 108वां एपिसोड है। हमारे यहां 108 अंक का महत्व, उसकी पवित्रता एक गहन अध्ययन का विषय है। माला में 108 मनके, 108 बार जप, 108 दिव्य क्षेत्र, मंदिरों में 108 सीढ़ियां, 108 घंटियां ... 108 का यह अंक असीम आस्था से जुड़ा हुआ है। इसलिए 'मन की बात' का 108वां एपिसोड मेरे लिए और खास हो गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह 140 करोड़ भारतीयों की ताकत है कि इस वर्ष हमारे देश ने कई विशेष उपलब्धियां हासिल की हैं। आज भारत का कोना-कोना आत्मविश्वास से भरा हुआ है। विकसित भारत की भावना से, आत्मनिर्भरता की भावना से ओत-प्रोत है। साल 2024 में भी हमें इसी भावना और गति को बनाए रखना है।प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का इनोवेशन हब बनना इस बात का प्रतीक है कि हम रुकने वाले नहीं हैं। साल 2015 में हम ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 81वीं रैंक पर थे। आज हमारी रैंक 40वीं है। इस वर्ष भारत में फाइल होने वाले पेटेंट की संख्या ज्यादा रही है, जिसमें करीब 60 प्रतिशत घरेलू फंड्स के थे। क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग में इस बार सबसे अधिक संख्या में भारतीय यूनिवर्सिटी शामिल हुई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के प्रयास से साल 2023 को मिलेट्स के अंतरराष्ट्रीय वर्ष के रूप में मनाया गया। इससे इस क्षेत्र में काम करने वाले स्टार्टअप को बहुत सारे अवसर मिले हैं। शारीरिक स्वास्थ्य को लेकर दिलचस्पी जिस तरह से बढ़ रही है, उससे इस क्षेत्र से जुड़े कोच और ट्रेनरों की मांग भी बढ़ रही है। आज शारीरिक स्वास्थ्य और वेल बीइंग की चर्चा तो खूब होती है, लेकिन इससे जुड़ा एक और बड़ा पहलू मानसिक स्वास्थ्य का है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी-तमिल संगमम में हिस्सा लेने के लिए हजारों लोग तमिलनाडु से काशी पहुंचे थे। वहां मैंने उन लोगों से संवाद के लिए एआई टूल भाषिणी का सार्वजनिक रूप से पहली बार उपयोग किया। मैं मंच से हिंदी में संबोधन कर रहा था, लेकिन एआई टूल की वजह से वहां मौजूद तमिलनाडु के लोगों को मेरा वही संबोधन उसी समय तमिल भाषा में सुनाई दे रहा था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आपको झारखंड के एक आदिवासी गांव के बारे में बताना चाहता हूं। इस गांव ने अपने बच्चों को मातृभाषा में शिक्षा देने के लिए एक अनूठी पहल की है। इस स्कूल को शुरू करने वाले अरविंद उरांव कहते हैं कि आदिवासी बच्चों को अंग्रेजी भाषा में दिक्कत आती थी, इसलिए उन्होंने गांव के बच्चों को अपनी मातृभाषा में पढ़ाना शुरू कर दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी भारतभूमि को हर कालखंड में देश की विलक्षण बेटियों ने गौरव से भर दिया है। सावित्रीबाई फुले और रानी वेलु नाचियार, देश की ऐसी ही दो विभूतियां हैं। उनका व्यक्तित्व ऐसे प्रकाश स्तम्भ की तरह है, जो हर युग में नारी शक्ति को आगे बढ़ाने का मार्ग दिखाता रहेगा। आज से कुछ ही दिनों बाद, तीन जनवरी को हम सभी इन दोनों की जयंती मनाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विदेशी शासन के खिलाफ़ संघर्ष करने वाली देश की कई महान विभूतियों में से एक नाम रानी वेलु नाचियार का भी है। तमिलनाडु के मेरे भाई-बहन आज भी उन्हें वीरा मंगई यानी वीर नारी के नाम से याद करते हैं। अंग्रेजों के खिलाफ़ रानी वेलु नाचियार जिस बहादुरी से लड़ीं और जो पराक्रम दिखाया, वह बहुत ही प्रेरित करने वाला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात में डायरा की परंपरा है। रातभर हजारों लोग डायरा में शामिल हो कर मनोरंजन के साथ ज्ञान को अर्जित करते हैं। इस डायरा में लोक संगीत, लोक साहित्य और हास्य की त्रिवेणी, हर किसी के मन को आनंद से भर देती है। इस डायरा के एक प्रसिद्ध कलाकार हैं भाई जगदीश त्रिवेदी। हास्य कलाकार के रूप में जगदीश त्रिवेदी ने 30 साल से भी ज्यादा समय से अपना प्रभाव जमा रखा है।