उच्चतम न्यायालय ने मुख्य चुनाव आयुक्त, चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर नए कानून पर रोक लगाने से इन्कार किया
हालांकि पीठ नए कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक समूह की जांच करने के लिए सहमत हुई
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नई दिल्ली/दक्षिण भारत। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को उस नए कानून पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया, जो भारत के मुख्य न्यायाधीश को छोड़कर एक पैनल द्वारा मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति का प्रावधान करता है।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ, हालांकि, नए कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक समूह की जांच करने के लिए सहमत हुई और केंद्र को नोटिस जारी किया।पीठ ने नए कानून पर रोक लगाने की मांग करने वाली कांग्रेस नेता जया ठाकुर की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास सिंह से याचिका की एक प्रति केंद्र के वकील को देने को कहा।
सिंह ने कहा, 'कृपया इस कानून पर रोक लगाएं। यह शक्तियों के पृथक्करण के खिलाफ है।'
पीठ ने सिंह से कहा, 'नहीं, दूसरे पक्ष को सुने बिना हम ऐसा नहीं कर सकते। हम नोटिस जारी करेंगे।'
मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) और चुनाव आयुक्तों (ईसी) को चुनने के अधिकार वाले पैनल से भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) को हटाने पर राजनीतिक विवाद के बीच कई याचिकाएं शीर्ष अदालत में दायर की गई हैं।
वकील गोपाल सिंह ने भी शीर्ष अदालत का रुख किया है और उस नए कानून को रद्द करने की मांग की है, जो केंद्र सरकार को चुनाव निकाय में नियुक्तियां करने की व्यापक शक्तियां प्रदान करता है।