इन 10 बातों का करें पालन, योगाभ्यास के लिए मजबूत रहेगी आपकी इच्छाशक्ति
शुरुआत में ही कठिन योगासन न करें
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बेंगलूरु/दक्षिण भारत। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जब देश-दुनिया में करोड़ों लोग योगाभ्यास कर रहे होंगे, तब कई लोग ऐसे भी होंगे, जो इस वजह योगासन नहीं कर पाए, क्योंकि उन्हें 'समय' नहीं मिला अथवा यह उनकी प्राथमिकता में नहीं था।
प्राय: हर साल इस दिन सोशल मीडिया पर ऐसी तस्वीरें वायरल होती है, जिनमें एक तरफ कई लोग योगाभ्यास करते नजर आते हैं। वहीं, दूसरी तरफ कोई व्यक्ति देर तक सोता दिखता है। चूंकि आज अनिद्रा एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। जब कोई व्यक्ति रात को देर से सोता है तो सुबह जल्दी नहीं उठ पाता, इसलिए उसके पास योगाभ्यास के लिए अनुकूल समय नहीं रहता।अगर आप भी योगाभ्यास करना चाहते हैं, लेकिन किन्हीं कारणों से नहीं कर पा रहे हैं तो पक्का इरादा कीजिए और इस शुभ कार्य में देरी न कीजिए। अपनी इच्छाशक्ति को मजबूत बनाने के लिए ये उपाय कर सकते हैं।
1. योगाभ्यास की शुरुआत के लिए अच्छा समय है 'आज'। इसका मतलब है- कल पर मत टालिए, वर्तमान में उचित समय पर योगाभ्यास कीजिए। काम 'कल' पर टालने से वर्षों तक अटके रहते हैं और 'कल' कभी नहीं आता।
2. योगाभ्यास करना चाहते हैं तो उसके लिए बहुत अच्छी जगह कोई सार्वजनिक पार्क आदि हो सकती है, जहां प्रात:काल निर्मल वायु बहती हो। अगर ऐसी जगह न मिले तो किसी स्वच्छ, शांत और हवादार स्थान पर योगाभ्यास कर सकते हैं।
3. योगाभ्यास के लिए पहले से तैयारी कर लें। नरम चटाई या अच्छी गुणवत्ता की योगा मैट खरीद लें। इसका सिर्फ योगाभ्यास के दौरान इस्तेमाल करें। एक बार जब अभ्यास कर लें तो मैट को समेट कर साफ जगह पर रख दें।
4. यह देखा गया है कि योग कक्षाओं या सार्वजनिक शिविरों में योगाभ्यास करने से लोगों में नियमितता ज्यादा होती है। इसलिए जो लोग नियमित अभ्यास नहीं कर पाते, उनके लिए ये अच्छे विकल्प हो सकते हैं।
5. आज सोशल मीडिया पर योगासनों के वीडियो की भरमार है। यूं तो सभी आसनों के साथ कई विशेषताएं जुड़ी हुई हैं, लेकिन विशेष परिस्थितियों (बीमारी, सर्जरी, गर्भावस्था आदि) में हर योगासन हर व्यक्ति के लिए नहीं होता है। इसलिए शुरुआत में सरल योगासन चुनें और उन्हें कुशल योग प्रशिक्षक के निर्देशानुसार करें। अपने डॉक्टर से भी सलाह ले सकते हैं।
6. कोई व्यक्ति एक ही दिन में पूरा ज्ञान प्राप्त नहीं कर सकता। इसमें समय लगता है। यही बात योगाभ्यास के साथ जुड़ी हुई है। अगर दो-चार दिन अभ्यास के बाद कोई फायदा नजर नहीं आ रहा है तो निराश नहीं होना चाहिए। निरंतरता बनाए रखें और बाद में परिणाम देखें।
7. शुरुआत में ही कठिन योगासन न करें। इससे जल्दी थकान आ सकती है। साथ ही योगासन ठीक तरह से न होने से यह सोचते हुए रुचि कम हो सकती है कि 'मुझसे नहीं होगा'। सरल से कठिन की ओर जाएं। धीरे-धीरे अभ्यास बढ़ाएं।
8. जब योगाभ्यास की शुरुआत का मन बना चुके हैं तो कुछ खास बिंदु नोट कर लें, जैसे- वजन कितना है, लंबाई कितनी है, भूख कितनी लगती है, प्यास कितनी लगती है, पेट ठीक से साफ होता है या नहीं, नींद कितनी आती है, पसीना कितना आता है ...? योगाभ्यास के बाद हर हफ्ते इन बिंदुओं से संबंधित आंकड़े लिखें। इससे आपको लगातार योगाभ्यास के लिए प्रेरणा मिलेगी।
9. सिर्फ योगाभ्यास करना काफी नहीं है। इस दौरान अपनी दिनचर्या प्रकृति के अनुकूल बनाएं, गरिष्ठ पदार्थों का सेवन बंद या बिल्कुल कम कर दें, चाय-कॉफी पूरी तरह छोड़ दें तो बेहतर है या इनका सेवन कम कर दें, स्वास्थ्य को हानि पहुंचाने वाले पेय आदि बंद कर दें, उनकी जगह नींबू का शर्बत, छाछ आदि ले सकते हैं।
10. जिस तरह पढ़ाई या किसी अन्य महत्त्वपूर्ण कार्य में कामयाबी पाने के लिए योजना बनाते हैं, उसी तरह योगाभ्यास के लिए भी कम-से-कम एक महीने की योजना बनाएं। महान योगियों की जीवनी पढ़िए, उनके बारे में सोशल मीडिया पर उपलब्ध प्रेरक वीडियो देखिए। जो लोग आपको हतोत्साहित करें, उनकी ओर ध्यान न दीजिए। अपनी लगन के दम पर आगे बढ़ते जाएं।