दहेज के मुद्दे को सामाजिक परिवर्तन के उद्देश्य से सशक्त ढंग से उठाएगा 'उधेड़बुन'

'अर्बन चौपाल' के नाटक 'उधेड़बुन' का मंचन 21 जुलाई को

दहेज के मुद्दे को सामाजिक परिवर्तन के उद्देश्य से सशक्त ढंग से उठाएगा 'उधेड़बुन'

मनोरंजन को सामाजिक संदेश के साथ जोड़कर इसे दर्शकों तक पहुंचाने की अनूठी कोशिश

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। विभिन्न शहरों में शानदार प्रदर्शन के बाद 'अर्बन चौपाल' 21 जुलाई को अपने नाटक 'उधेड़बुन' के साथ बीआईसी बेंगलूरु में आ रहा है। थिएटर ग्रुप की संस्थापक सदस्य वंदना दुगर ने यह जानकारी दी।

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उन्होंने बताया कि 'उधेड़बुन' एक ऐसा नाटक है, जिसमें दहेज के मुद्दे को सामाजिक परिवर्तन के उद्देश्य से सशक्त ढंग से उठाया गया है। ऐसे गंभीर सामाजिक मुद्दों की ओर ध्यान दिलाने के लिए रंगमंच में हास्य का प्रयोग बहुत प्रभावी हो सकता है। 

उन्होंने कहा कि हम मनोरंजन को सामाजिक संदेश के साथ जोड़कर इसे दर्शकों तक पहुंचाना चाहते हैं, जिससे सार्थक चर्चाओं को बढ़ावा मिले।

वंदना ने नाटक के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुए बताया कि इसके निर्देशक और लेखक अमित सुथार हैं। इसका मंचन 21 जुलाई को बीआईसी, डोमलुर में होगा। शो का समय शाम 4 बजे से 7 बजे तक है। 

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