बांग्लादेश: उच्चतम न्यायालय ने ज्यादातर कोटा समाप्त किया, नरम पड़ेंगे प्रदर्शनकारियों के तेवर?
प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों के जवानों के साथ कई जगह झड़पें हुई थीं
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ढाका/दक्षिण भारत। बांग्लादेश के उच्चतम न्यायालय ने रविवार को सरकारी नौकरियों में ज्यादातर कोटा समाप्त कर दिया, जिसकी वजह से यहां छात्रों ने उग्र विरोध प्रदर्शन हुए किया। ऐसी घटनाओं में कम से कम 114 लोगों की मौत हो गई।
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, न्यायालय के अपीलीय प्रभाग ने निचली अदालत के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें कोटा बहाल कर दिया गया था और निर्देश दिया गया था कि 93 प्रतिशत सरकारी नौकरियां बिना कोटा के योग्यता के आधार पर उम्मीदवारों के लिए खुली रहेंगी।बता दें कि प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार ने साल 2018 में कोटा प्रणाली को खत्म कर दिया था, लेकिन निचली अदालत ने पिछले महीने इसे बहाल कर दिया, जिसके बाद उग्र विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सरकार ने बलप्रयोग किया था।
सरकार ने कर्फ़्यू की अवधि बढ़ा दी थी, क्योंकि उसकी तमाम कोशिशों के बावजूद हालात काबू में नहीं आ रहे थे। वहीं, राष्ट्रीय राजधानी में पुलिस के साथ सेना को भी तैनात किया गया। यहां प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों के जवानों के साथ कई जगह झड़पें हुई थीं।
बांग्लादेश में बिगड़ते हालात के मद्देनजर सरकार ने इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी थी। इसके अलावा उसने एसएमएस भेजने पर भी रोक लगा दी थी। हालांकि इससे प्रदर्शनकारी शांत नहीं हुए और उन्होंने कई जगहों पर तोड़फोड़ की। अब उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद प्रदर्शनकारियों के तेवर नरम पड़ने की संभावना है।